श्रीनगर में करीब 200 साल पुरानी एक दरगाह के जलने पर राज्य के कई अलगाववादी संगठनों ने आज राज्य में हड़ताल बुलाई है। इस हड़ताल में कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोशिएशन के वकील भी शामिल हैं।
सुबह से ही श्रीनगर में सड़कें सूनी पड़ी हैं, दुकानें बंद हैं। जगह−जगह पुलिस और सुरक्षा गार्ड्स खड़े हैं। इस हड़ताल का समर्थन कर रहे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने कहा है कि इस दरगाह का जल जाना यह साबित करता है कि राज्य सरकार ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है।
हड़ताल को हुर्रियत का भी समर्थन मिला है और हुर्रियत के चैयरमैन मीरवाइज उमर फारुक ने कहा है कि इस आग की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द लोगों के सामने आनी चाहिए ताकि पता लग सके कि किसकी लापरवाही के चलते ये हादसा हुआ। पीर दस्तगीर साहिब के नाम से मशहूर 11वीं सदी के संत शेख अब्दुल कादिर जीलानी की इस दरगाह में सोमवार को आग लग गई थी जिसके बाद लकड़ी से बना इसका ढांचा पूरी तरह जलकर खाक हो गया था। इस घटना के बाद पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प भी हुई थी जिसमें 10 पुलिसवालों समेत 20 लोग घायल हो गए थे। लोगों ने आरोप लगाया कि दमकल की गाड़ियों के देर से पहुंचने की वजह से आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
सुबह से ही श्रीनगर में सड़कें सूनी पड़ी हैं, दुकानें बंद हैं। जगह−जगह पुलिस और सुरक्षा गार्ड्स खड़े हैं। इस हड़ताल का समर्थन कर रहे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने कहा है कि इस दरगाह का जल जाना यह साबित करता है कि राज्य सरकार ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है।
हड़ताल को हुर्रियत का भी समर्थन मिला है और हुर्रियत के चैयरमैन मीरवाइज उमर फारुक ने कहा है कि इस आग की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द लोगों के सामने आनी चाहिए ताकि पता लग सके कि किसकी लापरवाही के चलते ये हादसा हुआ। पीर दस्तगीर साहिब के नाम से मशहूर 11वीं सदी के संत शेख अब्दुल कादिर जीलानी की इस दरगाह में सोमवार को आग लग गई थी जिसके बाद लकड़ी से बना इसका ढांचा पूरी तरह जलकर खाक हो गया था। इस घटना के बाद पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प भी हुई थी जिसमें 10 पुलिसवालों समेत 20 लोग घायल हो गए थे। लोगों ने आरोप लगाया कि दमकल की गाड़ियों के देर से पहुंचने की वजह से आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
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