आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया था
श्रीनगर:
कश्मीर घाटी में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के एक मुठभेड़ में जाने के बाद भड़की हिंसा के 52 दिनों के बाद पुलवामा और श्रीनगर के कुछ हिस्सों को छोड़कर बाकी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है. हालांकि धारा-144 के तहत 10 या इससे अधिक लोगों के गैर-कानूनी तरीके से इकट्ठा होने पर पाबंदी जारी रहेगी.
राज्य में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों में अब तक करीब 70 लोगों की जानें जा चुकी हैं, जबकि 11,000 से अधिक जख्मी हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कश्मीर समस्या का जिक्र करते हुए इसके समाधान के लिए एकता और ममता को मूल मंत्र बताया. पीएम मोदी ने साथ ही बच्चों को अशांति पैदा करने के लिए उकसाने वालों के बारे में कहा कि एक न एक दिन उन लोगों को 'इन बेकसूर' बच्चों को जवाब देना ही होगा.
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि कश्मीर में अगर एक भी व्यक्ति की जान जाती है, चाहे वह कोई युवा हो या सुरक्षाकर्मी हो, वह हमारा, हमारे देश का नुकसान है.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी कहा है कि जो भी हिंसा को खारिज करने और शांति बहाली में मदद के लिए तैयार है, उनसे कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए बातचीत की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि अलगाववादी शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं तो बातचीत की प्रक्रिया में उन्हें भी शामिल करने से कोई परहेज नहीं होना चाहिए.
महबूबा ने कहा कि बातचीत के लिए एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने की जरूरत है और नौजवानों को सुरक्षा शिविरों के 'घेराव और हमले' के लिए उकसाने वाले मुट्ठी भर लोगों को हिंसा भड़काना बंद करना चाहिए. भविष्य के कदम पर चर्चा के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुकीं महबूबा ने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत का स्वरूप पहले से बेहतर होना चाहिए, जब केंद्र सरकार ने वार्ताकारों की नियुक्ति की थी और कार्य समूहों का गठन किया था.
राज्य में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों में अब तक करीब 70 लोगों की जानें जा चुकी हैं, जबकि 11,000 से अधिक जख्मी हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कश्मीर समस्या का जिक्र करते हुए इसके समाधान के लिए एकता और ममता को मूल मंत्र बताया. पीएम मोदी ने साथ ही बच्चों को अशांति पैदा करने के लिए उकसाने वालों के बारे में कहा कि एक न एक दिन उन लोगों को 'इन बेकसूर' बच्चों को जवाब देना ही होगा.
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि कश्मीर में अगर एक भी व्यक्ति की जान जाती है, चाहे वह कोई युवा हो या सुरक्षाकर्मी हो, वह हमारा, हमारे देश का नुकसान है.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी कहा है कि जो भी हिंसा को खारिज करने और शांति बहाली में मदद के लिए तैयार है, उनसे कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए बातचीत की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि अलगाववादी शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं तो बातचीत की प्रक्रिया में उन्हें भी शामिल करने से कोई परहेज नहीं होना चाहिए.
महबूबा ने कहा कि बातचीत के लिए एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने की जरूरत है और नौजवानों को सुरक्षा शिविरों के 'घेराव और हमले' के लिए उकसाने वाले मुट्ठी भर लोगों को हिंसा भड़काना बंद करना चाहिए. भविष्य के कदम पर चर्चा के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुकीं महबूबा ने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत का स्वरूप पहले से बेहतर होना चाहिए, जब केंद्र सरकार ने वार्ताकारों की नियुक्ति की थी और कार्य समूहों का गठन किया था.
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