चंडीगढ़:
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह के भतीजे आकांक्ष ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. गुरुवार सुबह 26 साल के आकांश सेन को झगड़े में बीएमडब्लू कार से कुचलने की कोशिश की गई थी. झगड़े में उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं और उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई में दाखिल करवाया गया था.
सोलन में होगा अंतिम संस्कार
शनिवार को पीजीआई में आकांक्ष सेन का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद परिजनों को उसका शव सौंप दिया गया. इस मौके पर वहां हिमाचल के मुख्यमंत्री के बेटे विक्रमादित्य, हिमाचल के डीजीपी संजय कुमार और कई हिमाचल पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी मौजूद थे. आकांक्ष के मृतक शरीर को हिमाचल के सोलन में ले जाया जाएगा जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
सेक्टर 3 पुलिस स्टेशन की इंचार्ज पूनम दिलावरी ने कहा कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, पर छापेमारी जारी है और सारा मामला चंडीगढ़ पुलिस के उच्च अधिकारी स्वयं देख रहे हैं. उनके अनुसार शराब पीने के बाद आपस में झगड़ा हुआ और यह कत्ल किया गया. पहले धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसे अब मौत होने के बाद 302 में परिवर्तित कर दिया गया है. इस मामले में मोहाली के बीएस रंधावा और हर मेहताब गिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. दोनो फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.
आकांक्ष के शव को लेने आए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के कारण चंडीगढ़ पुलिस अपना काम सही ढंग से नहीं कर रही. मेरे पिताजी केंद्रीय गृह विभाग से यह मांग करेंगे कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से बिना किसी राजनीतिक दबाव के करवाई जाए. उन्होंने कहा कि हमारे साथ हिमाचल पुलिस के उच्च अधिकारी भी आए हैं जो चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों से निरंतर संपर्क में है. उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि जब अभियुक्तों की पहचान हो चुकी है, उनके घर का पता है, उनके घर वालों के बारे में पूरी जानकारी है तो अभी तक अभियुक्त गिरफ्तार क्यों नहीं किए गए. यह निश्चित रूप से राजनीतिक दबाव के कारण ही हो रहा है. वही चंडीगढ़ आए हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह अभी जांच का विषय है कि मामला सही दर्ज हुआ है या नहीं, मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
सोलन में होगा अंतिम संस्कार
शनिवार को पीजीआई में आकांक्ष सेन का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद परिजनों को उसका शव सौंप दिया गया. इस मौके पर वहां हिमाचल के मुख्यमंत्री के बेटे विक्रमादित्य, हिमाचल के डीजीपी संजय कुमार और कई हिमाचल पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी मौजूद थे. आकांक्ष के मृतक शरीर को हिमाचल के सोलन में ले जाया जाएगा जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
सेक्टर 3 पुलिस स्टेशन की इंचार्ज पूनम दिलावरी ने कहा कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, पर छापेमारी जारी है और सारा मामला चंडीगढ़ पुलिस के उच्च अधिकारी स्वयं देख रहे हैं. उनके अनुसार शराब पीने के बाद आपस में झगड़ा हुआ और यह कत्ल किया गया. पहले धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसे अब मौत होने के बाद 302 में परिवर्तित कर दिया गया है. इस मामले में मोहाली के बीएस रंधावा और हर मेहताब गिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. दोनो फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.
आकांक्ष के शव को लेने आए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के कारण चंडीगढ़ पुलिस अपना काम सही ढंग से नहीं कर रही. मेरे पिताजी केंद्रीय गृह विभाग से यह मांग करेंगे कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से बिना किसी राजनीतिक दबाव के करवाई जाए. उन्होंने कहा कि हमारे साथ हिमाचल पुलिस के उच्च अधिकारी भी आए हैं जो चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों से निरंतर संपर्क में है. उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि जब अभियुक्तों की पहचान हो चुकी है, उनके घर का पता है, उनके घर वालों के बारे में पूरी जानकारी है तो अभी तक अभियुक्त गिरफ्तार क्यों नहीं किए गए. यह निश्चित रूप से राजनीतिक दबाव के कारण ही हो रहा है. वही चंडीगढ़ आए हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह अभी जांच का विषय है कि मामला सही दर्ज हुआ है या नहीं, मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
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