क्रूज ड्रग्स केस की जांच कर रही एनसीबी की एसआईटी ने आर्यन खान को समन भेजा है. आर्यन खान को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. इससे पहले क्रूज़ ड्रग्स केस में ही एनसीबी ने आर्यन ख़ान को गिरफ़्तार किया था. फिलहाल जमानत पर हैं. शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान के अलावा एसआईटी ने अरबाज मर्चेंट और अजित कुमार को भी समन किया था, दोनों मुंबई एनसीबी दफ्तर पहुंच चुके हैं.
इसके अलावा आज महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि एनसीबी के मुंबई क्षेत्र के निदेशक समीर वानखेड़े अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को फिरौती के लिए ‘‘अगवा'' करने की साजिश में शामिल थे. मलिक ने मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता मोहित भारतीय इस साजिश के ‘‘मास्टरमाइंड'' थे.
पिछले महीने वानखेड़े के नेतृत्व में एक क्रूज पोत पर की गई छापेमारी के बाद आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था और पोत से कथित तौर पर मादक पदार्थ बरामद किया गया था. बाद में आर्यन को बंबई उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई. मलिक ने कई बार कहा है कि मादक पदार्थ जब्ती का यह मामला ‘‘फर्जी'' है और उन्होंने वानखेड़े के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि वानखेड़े ने ओशिवारा में एक कब्रिस्तान में भारतीय से मुलाकात की थी.
मलिक ने कहा, ‘‘लेकिन वह (वानखेड़े) खुशकिस्मत थे कि हमें इस मुलाकात का वीडियो फुटेज नहीं मिला क्योंकि पुलिस का सीसीटीवी काम नहीं कर रहा था. इसलिए डर के कारण वानखेड़े ने गलत शिकायत दर्ज कराई कि उनका पीछा किया गया था.” राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने आरोप लगाया, ‘‘कथित क्रूज पोत रेव पार्टी फिरौती के लिए आर्यन खान के अपहरण की एक साजिश थी जिसके मुख्य सरगना मोहित भारतीय थे.'' वानखेड़े पर साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि भारतीय वानखेड़े के ‘‘निजी सेना '' के सहयोगी थे. मलिक ने यह भी दावा किया कि पत्रकार आर के बजाज और वकील प्रदीप नाम्बियार वानखेड़े की ‘‘निजी सेना'' के सदस्य थे.
इससे पहले स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा मुंबई तट के नजदीक एक क्रूज पोत से कथित मादक पदार्थ बरामदगी मामले के गवाह विजय पगारे ने कल दावा किया था कि अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को इस मामले में ‘‘फंसाया गया'' है. गवाह विजय पगारे ने एक मराठी समाचार चैनल के साथ बातचीत में आरोप लगाया कि छापेमारी की कार्रवाई पूर्व नियोजित थी.
इससे पहले इस मामले में एक और स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल ने आरोप लगाया था कि एनसीबी के कुछ अधिकारियों ने आर्यन को छोड़ने के एवज में वसूली की कोशिश की थी. एनसीबी पहले ही इन आरोपों की जांच कर रही है.
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