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This Article is From Sep 24, 2015

कॉमिक्स के जरिए घर-घर पहुंचेंगी सीआरपीएफ जवानों की शौर्य गाथाएं

कॉमिक्स के जरिए घर-घर पहुंचेंगी सीआरपीएफ जवानों की शौर्य गाथाएं
सीआरपीएफ की कॉमिक्स का विमोचन करते हुए राजनाथ सिंह।
नई दिल्ली: सीआरपीएफ के जवानों की वीर गाथाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए अब एक मासिक कॉमिक सीरीज़ का प्रकाशन किया जाएगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अपने मंत्रालय में हुए समारोह में इस कॉमिक बुक सीरीज़ के पहले अंक का लोकार्पण किया।

'सरदार पोस्ट एक शौर्य गाथा'
सन 1965 में पाक के साथ हुई लड़ाई में अपनी जान पर खेलकर सीआरपीएफ के जवानों ने सरदार पोस्ट को बचाया था। 50 साल बाद सीआरपीएफ के जवानों की वीर गाथा घर घर पहुंचाने के लिए एक कॉमिक बुक रिलीज की गई। इसका नाम रखा गया है 'सरदार पोस्ट एक शौर्य गाथा'। ऐसी ही कॉमिक बुक सेना अपने परमवीर चक्र विजेता पर निकाल चुकी है।

नौजवानों में राष्ट्रवाद की भावना जागेगी
राजनाथ सिंह ने कहा है कि 1965 के भारत-पाक युद्ध में सीआरपीएफ के जवानों ने करिश्माई काम किया था। ऐसी कॉमिक सीरीज़ आने से देश के नौजवानों में देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना जागेगी और वे प्रेरित होंगे। सीआरपीएफ के महानिदेशक प्रकाश मिश्रा ने कहा कि पिछले साल गुवाहाटी में हुई डीजीपी कांफ्रेस में प्रधानमंत्री ने कहा था कि शहीदों की महान गाथाएं कॉमिक्स के माध्यम से लोगों तक पहुंचाई जाए और उसी को ध्यान में रखकर यह कॉमिक्स बुक निकाली गई है।      

1965 के युद्ध में पाक की ब्रिगेड को खदेड़ा था सीआरपीएफ ने
सन 1965 में भारत-पाक युद्ध में सीआरपीएफ की दो कम्पनियों ने कच्छ की सरदार पोस्ट पर पाकिस्तान की एक पूरी इफेंट्री ब्रिगेड को भागने पर मजबूर कर दिया था। सीआरपीएफ के जवानों के जोरदार हमले से पाकिस्तानी अपने 34 सैनिकों को छोड़कर भाग गए थे। इस हमले में 4 पाकिस्तानी सैनिकों को पकड़ लिया गया था जबकि सीआरपीएफ के 6 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे।

सीआरपीएफ की योजना हर महीने शौर्य और बलिदान की ऐसी गाथाओं की पत्रिका निकालने की है। इस बात पर भी विचार हो रहा है कि इस कॉमिक श्रृंखला से मिलने वाली आय का इस्तेमाल शहीदों के परिवार वालों के लिए हो।

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