UP में टीका लगवाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की फौज लोगों को जागरूक करने में जुटेगी

देश का सबसे बड़ा ग्रामीण इलाका उत्तर प्रदेश (UP Vaccination)  में ही है, जहां राज्य की 77.7 फीसदी आबादी रहती है. वैक्सीन को लेकर कुछ अफवाहों के कारण पोलिया वायरस यूपी में ही सबसे आखिरी में खत्म हुआ था. हालांकि कोरोना वैक्सीन को लेकर आशंकाएं कम हैं.

UP में टीका लगवाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की फौज लोगों को जागरूक करने में जुटेगी

बाराबंकी में शनिवार को पीएचसी और सीएचसी में टीकाकरण प्रारभ हुआ. (प्रतीकात्मक)

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी शनिवार को कोरोना टीकाकरण (UP Covid Vaccination Starts) के पहले दिन फ्रंटलाइन वर्करों और स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगवाया गया. सरकार का कहना है कि यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण को लेकर बड़ी टीम लगाई जाएंगी, ताकि लोगों के मन में किसी प्रकार का भय या आशंका न रहे. इस काम में 3496 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) के स्वास्थ्यकर्मी, 773 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ( CHC) के वर्कर, 173518 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi worker) , 149409 आंगनवाड़ी सहायक (Anganwadi helper) और 129000 आशा बहू (Asha Bahu) को शामिल किया जाएगा.

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दरअसल, देश का सबसे बड़ा ग्रामीण इलाका उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Vaccination)  में ही है, जहां राज्य की 77.7 फीसदी आबादी रहती है. वैक्सीन को लेकर कुछ अफवाहों के कारण पोलिया वायरस यूपी में ही सबसे आखिरी में खत्म हुआ था. हालांकि कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में आशंकाएं कम है. पहले दिन तमाम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi workers) ने वैक्सीन ली और कहा कि वे अब घर-घर जाकर लोगों के मन में कोरोना के टीके को लेकर उपजी आशंकाओं को दूर करने का काम करेंगी.

यूपी के बाराबंकी (BaraBanki) के सतरीख गांव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीदेवी वर्मा कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद फिक्रमंद नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगली चुनौती ग्रामीणों को कोरोना वैक्सीन की जानकारी देना और उन्हें इसके लिए तैयार करना है. श्रीदेवी ने कहा कि वे बताएंगी कि जब उन्हें टीका लेने से कुछ नहीं हुआ तो दूसरों को भी नहीं होगा. उनका कहना है कि अगर खुद उन्हें दिक्कत होती तो लोगों को समझाने में ज्यादा मुश्किलें पेश आतीं. उनका कहना है कि 2010 तक देश में पोलियो के सबसे ज्यादा मामले यूपी में ही थी, लेकिन इस चुनौती को जागरूकता के जरिये निपटा गया. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेमवती का कहना है कि अब जब पोलियो कैंप लगता है तो लोग बिना बुलाए आ जाते हैं. अगर कोरोना के बारे में भी लोगों को समझाया जाएगा तो कठिनाई नहीं आएगी. 

गांवों में डॉक्टरों ने पहले टीका लेकर जगाया भरोसा
बाराबंकी के सतरीख में सबसे पहले वैक्सीन डॉ. मुदित मेहरोत्रा को लगाई गई और इससे दूसरों में भी हौसला बढ़ा. मुदित ने कहा कि अगर उनके पास उल्टी, दस्त या कोरोना जैसे अन्य लक्षणों के मरीज आते भी हैं तो उनका इलाज करना पड़ता है. सबसे यह नहीं कहा  जा सकता कि पहले कोरोना टेस्ट कराके आओ. हमें प्राथमिकता के आधार पर जिम्मेदारी निभानी पड़ती है.

डीएम बोले, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बड़ी भूमिका
बाराबंकी के डीएम आदर्श सिंह, जो पेशे से डॉक्टर भी हैं, उन्होंने कहा, जिन स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को आज टीका लगाया गया, उनमें उत्साह, भरोसा कायम हुआ है और उन्हें इस बीमारी से निजात मिलने की पूरी उम्मीद भी है. ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण के दौरान आशा बहुओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बड़ी भूमिका होगी.

टीकाकरण अभियान का शुरू होना सुखद क्षण : डॉक्टर हर्षवर्धन
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