एम्स में मेडिसिन विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर जेएन पांडेय का निधन, कोरोना से थे संक्रमित

मशूहर श्वासरोग विशेषज्ञ और दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडीसिन विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे का शनिवार को यहां उनके निवास पर निधन हो गया.

एम्स में मेडिसिन विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर जेएन पांडेय का निधन, कोरोना से थे संक्रमित

डॉक्टर पांडेय इसी सप्ताह कोविड-19 से संक्रमित पाये गये थे

नई दिल्ली:

मशूहर श्वासरोग विशेषज्ञ और दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडीसिन विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे का शनिवार को यहां उनके निवास पर निधन हो गया. इसी सप्ताह वह कोविड-19 से संक्रमित पाये गये थे. वह 79 साल के थे. एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि डॉ. पांडे और उनकी पत्नी थोड़े से लक्षण के साथ मंगलवार को कोविड-19 संक्रमित पाये गये थे लेकिन उन्होंने घर में ही पृथक वास में रहने का निर्णय लिया था. डॉ. गुलेरिया ने बताया कि लेकिन शनिवार को उनकी पत्नी को एम्स लाया गया. निदेशक ने कहा, ‘‘ हम लगातार उन पर नजर रख रहे थे और उन्होंने कहा कि उनकी हालत सुधर रही है. कल उन्होंने रात में खाना खाया और सोने चले गए. नींद में ही उन्होंने संभवत: गंभीर हृदयाघात के चलते अंतिम सांस ली.''

डॉ. पांड को अन्य बीमारियां भी थीं. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि डॉ पांडे ज्ञान और नम्रता दोनों के प्रतीक थे। वह बेहतर इंसान थे और चिकित्सक बिरादरी के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि एम्स परिवार को वह बहुत याद आयेंगे क्योंकि वह एमबीबीएस छात्र के रूप में एम्स से जुड़े तथा मेडीसिन विभाग के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत हुए. उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने उनके बहुत करीब रहकर काम किया और उन्हें मैं अपने बचपन से ही जानता था क्योंकि वह मेरे पिताजी के विद्यार्थी थे।''वर्ष 2003 में सेवानिवृति के बाद डॉ. पांडे सीताराम भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च से जुड़े और वहां उन्होंने श्वसन मेडीसिन विभाग में वरिष्ठ परामर्शदाता के रूप में काम किया. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इंस्टीट्यूट के निदेशक अभिषेक भरतीया ने कहा, ‘‘ वह दिग्गज चिकित्सक थे जिन्होंने एम्स में प्रेक्टिस करने वाले कई डाक्टरों को पढ़ाया तथा इस अस्पताल से जुड़ने के बाद भी ऐसा करते रहे। उनके बारे में सबसे अनोखी बात यह थी कि जोखिम वाले मामले उनके पास आते थे।''