लॉकडाउन के बीच एक बच्चा पैदल चलने से थककर सूटकेस पर सोया हुआ है, उसकी मां उस सूटकेस को सड़क पर घसीटते हुए ले जा रही है. सूटकेस को सड़क पर घसीट रही महिला के लिए बेटे के सोने से वजन दोगुना हो गया. लेकिन इससे महिला की रफ्तार धीमी नहीं होती है. वह महिला उत्तर प्रदेश के आगरा से होते हुए अपने घर जा रहे मजदूरों के समूह के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है. जब रिपोर्टर ने महिला से पूछा कि कहां जा रहे हो तो मां ने कहा 'झांसी'.
लॉकडाउन के बीच मजदूरों के लिए राज्य सरकारों की ओर से चलाई गई विशेष बस सेवा के जरिए वे लोग घर क्यों नहीं जा रहे? इस पर सवाल पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. महिला बहुत ही थकी हुई दिख रही है. मजदूरों का यह ग्रुप पत्रकारों से बिना बात किए हुए आगे बढ़ रहा है और वह बच्चा सूटकेस पर सोया हुआ है. मजदूरों का यह समूह पंजाब से पैदल चल कर आ रहा है और झांसी जाएगा. इनका यह सफर करीब 800 किलोमीटर का होगा.
In a heartbreaking video, a little boy is seen asleep on a suitcase as his migrant parents take a long journey home from Punjab to Uttar Pradesh#MigrantLabourers #CorornavirusLockdown pic.twitter.com/FmEpzGNJQy
— NDTV (@ndtv) May 14, 2020
कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से मजदूरों की हालात बहुत खराब है. पूरे देश में प्रवासी मजदूर पैदल कर अपने घरों को लौटने को मजबूर हैं. मजदूरों का कहना है कि उनके पास कोई काम तो बचा नहीं है. खाने को खाना नहीं मिल रहा है. ऐसे में वे अपने घरों की ओर जा रहे हैं. पिछले कुछ सप्ताह से ऐसी की मार्मिक तस्वीरें और वीडियो सामने आ रही हैं, जिसमें मजबूर मजदूर अपने घरों को किसी ने किसी तरह से लौटना चाहते हैं.
घरों को लौटते हुए कई मजदूरों सड़क हादसों का भी शिकार हो गए. गुरुवार सुबह आई खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में सड़क हादसों की वजह से 16 मजदूरों की जान चली गई.
मजदूरों के लिए चलाई गई विशेष बसें और ट्रेन सेवा भी उनके काम नहीं आ रही. मजदूरों का कहना है कि ये सेवाएं बहुत महंगी हैं और कईयों का कहना है कि इसमें कागज कार्यवाही बहुत ज्यादा है.
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