नई दिल्ली:
देश की शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने गुरुवार को मैगी के नौ अलग-अलग बैच से लिए गए नौ नमूनों की जांच के आदेश दिए। यह आदेश राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) की एक पीठ ने दिया।
एनसीडीआरसी ने कहा कि उसके सामने नमूनों के सत्यापन और उनकी सील को ठीक से देखने के बाद उन्हें मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजा जाए। न्यायमूर्ति वीके जैन और न्यायमूर्ति बीसी गुप्ता की पीठ नेस्ले इंडिया के खिलाफ क्लास एक्शन सूट की सुनवाई कर रही थी, जो कंपनी के नूडल ब्रांड मैगी में सीसे की सीमा से अधिक मात्रा को लेकर है।
सरकार के वकील ने एनसीडीआरसी से अनुरोध किया था कि उन्हें भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से और नमूने लेने की अनुमति दी जाए, लेकिन उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया गया। जिन नमूनों की जांच होनी है, वे मैगी मसाला और वेज आटा नूडल के हैं।
एनसीडीआरसी ने कहा कि उसके सामने नमूनों के सत्यापन और उनकी सील को ठीक से देखने के बाद उन्हें मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजा जाए। न्यायमूर्ति वीके जैन और न्यायमूर्ति बीसी गुप्ता की पीठ नेस्ले इंडिया के खिलाफ क्लास एक्शन सूट की सुनवाई कर रही थी, जो कंपनी के नूडल ब्रांड मैगी में सीसे की सीमा से अधिक मात्रा को लेकर है।
सरकार के वकील ने एनसीडीआरसी से अनुरोध किया था कि उन्हें भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से और नमूने लेने की अनुमति दी जाए, लेकिन उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया गया। जिन नमूनों की जांच होनी है, वे मैगी मसाला और वेज आटा नूडल के हैं।
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