यह ख़बर 06 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कुशाभाउ ठाकरे ट्रस्ट को दी गई जमीन का आवंटन रद्द

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट ने दिवंगत नेता कुशाभाउ ठाकरे के नाम पर ट्रस्ट को जमीन आवंटित किए जाने के मध्यप्रदेश सरकार के फैसले को रद्द कर दिया।
New Delhi:

उच्चतम न्यायालय ने भाजपा के दिवंगत नेता कुशाभाउ ठाकरे के नाम पर एक ट्रस्ट को जमीन आवंटित किए जाने के मध्यप्रदेश सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ ने ट्रस्ट को करीब 30 एकड़ भूमि आवंटित किए जाने से संबंधित राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्द कर दिया। ट्रस्ट के न्यासियों में वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, एम वेंकैया नायडू और मुरली मनोहर जोशी शामिल हैं। शीर्ष अदालत ने संबंधित प्राधिकरण को जमीन का कब्जा लेने के आदेश दिए जो 25 सितंबर 2004 को उमा भारती के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा आवंटित की गई थी। न्यायालय ने यह फैसला मध्यप्रदेश में पंजीकृत उपभोक्ता सोसायटी अखिल भारतीय उपभोक्ता कांग्रेस की याचिका पर दिया। याचिका में सरकार के फैसले को यह कहकर चुनौती दी गई थी कि कानून का उल्लंघन कर ट्रस्ट को बसवाडिया गांव स्थित जमीन बहुत कम कीमत पर दी गई। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जमीन आवंटन रद्द करने से इनकार किए जाने के बाद उपभोक्ता सोसायटी ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की।


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