जयपुर की एक अदालत ने राजस्थान पुलिस को उस कथित घोटाले (Alleged scam) की जांच का आदेश दिया है जिसमें बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) आरोपी हैं. अपने 'पूर्व डिप्टी' सचिन पायलट की ओर से अपनी सरकार के खिलाफ (Rajasthan political crisis) बगावत का सामना कर रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot)ने शेखावत का नाम उन बीजेपी नेताओं में लिया था, जो कथित रूप से बागी कांग्रेस विधायकों के साथ सौदा करने में शामिल थे. स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप या SOG ने पहले ही एक और मामले में केंद्रीय मंत्री को नोटिस भेजा है जिसमें राजस्थान में कांग्रेस विधायकों को कथित तौर पर 'लुभाने' के ऑडियो क्लिप शामिल हैं।
मंगलवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पवन कुमार ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को कथित क्रेडिट सोसाइटी घोटाले की शिकायत SOG को भेजने के लिए कहा है. शेखावत, उनकी पत्नी और अन्य का नाम संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़ी शिकायत में रखा गया है, इसके अनुसार हजारों निवेशकों ने कथित तौर पर एक साल पहले 900 करोड़ रुपये की राशि गंवानी पड़ी थी. अगस्त 2019 में पहली सूचना रिपोर्ट दायर होने के बाद से जयपुर SOG मामले की जांच कर रही है. एसओजी द्वारा दायर आरोप पत्र में शेखावत का नाम नहीं था. बाद में, एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने भी शेखावत का नाम आरोप पत्र में शामिल करने के आवेदन को खारिज कर दिया था.
आवेदकों, जिन्होंने योजना में निवेश किया था, ने इसके अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत का दरवाजा खटखटाया. जिसने निर्देश जारी किया कि उनकी शिकायत की भी जांच की जानी चाहिए. शिकायतकर्ता गुलाम सिंह और लब्बू सिंह ने FIR में एक मनी ट्रेल का आरोप लगाया, जिसके कारण कंपनियों को कथित रूप से केंद्रीय मंत्री से जोड़ा गया था. बाड़मेर के इन दोनों निवासियों ने आरोप लगाया कि एसओजी ने केंद्रीय मंत्री या कंपनियों की भूमिका की जांच नहीं की. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि एसओजी ने मंत्री और अन्य लोगों की रक्षा करने की कोशिश की, जिन्हें आरोप पत्र में नामित नहीं किया गया था.
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