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This Article is From Jan 22, 2014

सरकारी कर्मचारियों के आचरण के लिए दिशा-निर्देश तय करें : अदालत

नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकारी कर्मचारियों के कार्यालय से बाहर के आचरण को तय करने के लिए बुधवार को केंद्र सरकार को तत्काल दिशा-निर्देशों की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और न्यायाधीश राजीव सहाय एंडला की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय से सरकारी कर्मचारियों के कार्यालय से बाहर के आचरण को तय करने के लिए दिशा-निर्देशों की जरूरत के बारे में पूछा।

दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा, "यहां इस बात से आशय है कि उच्च पदों पर नियुक्त अधिकारियों को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।"

याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए निर्धारित काम के नियमों में किसी तरह की टिप्पणी, विशेषकर महिलाओं पर, देते वक्त किसी तरह के दिशा निर्देशों का वर्णन नहीं होता।

याचिकाकर्ता ने पहले न्यायालय से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक रंजीत सिन्हा को महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक एवं लिंगभेद वाली टिप्पणी करने के लिए निलंबित किए जाने की मांग की थी।

सिन्हा ने पिछले वर्ष 12 नवंबर को सट्टेबाजी की तुलना करते हुए महिलाओं के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। सिन्हा ने कहा था, "यदि आप दुष्कर्म होने से रोक नहीं सकते, तो इसका लुत्फ उठाइए।"

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