विज्ञापन
This Article is From Jan 08, 2016

सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST कर्मचारी पदोन्नति पर अपने फैसले में गलती मानी

सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST कर्मचारी पदोन्नति पर अपने फैसले में गलती मानी
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि एक साल पुराने उस फैसले में वस्तुत: गलती थी जिसके द्वारा यह कहा गया कि बैंकों में 5700 रुपये प्रति माह के वेतन वाले ग्रुप-ए पदों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति श्रेणी के कर्मचारियों को आरक्षण का लाभ मिल सकता है।

न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति एके सीकरी की पीठ ने फैसले से गलती वाले पैराग्राफ हटाने का आदेश दिया। पीठ ने कहा कि एकबार में हमें अभिलेखों को देखने से गलती प्रकट होती है और इस गलती को ठीक करने के लिए हमें इन पुनर्विचार याचिकाओं में किए गए अनुरोध को निश्चित रूप से स्वीकार करना होगा।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सहित विभिन्न बैंकों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिकाओं के अनुरोध को स्वीकार करते हुए पीठ को अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की दलीलों में दम लगी।

उनके नजरिये पर सहमत होते हुए अदालत ने कहा कि यह गलती अभिलेखों को देखने से ही प्रकट होती है। 5700 रुपये प्रति महीने से कम के वेतन वाले पदों के संबंध में चयन से पदोन्नति में आरक्षण दिया गया है जिससे आगे फिर गलती होती है कि पदोन्नति के मामले में इस तरह का आरक्षण पहले स्केल से छठे स्केल तक लागू है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
उच्चतम न्यायालय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट, पदोन्नति में आरक्षण, Supreme Court, SC/ST Reservation, Reservation In Promotions
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com