आसाराम के पूर्व सहायकों और बलात्कार मामले में गवाहों पर हमले के मामले में दंपती गिरफ्तार

आसाराम के पूर्व सहायकों और बलात्कार मामले में गवाहों पर हमले के मामले में दंपती गिरफ्तार

आसाराम और नारायण साई (फाइल फोटो)

अहमदाबाद:

पुलिस ने सोमवार को एक दंपती को गिरफ्तार किया जो कथित तौर पर आसाराम के पूर्व सहायकों और स्वयंभू बाबा के खिलाफ बलात्कार के मामले में कई गवाहों पर हमले की साजिश में शामिल थे। आसाराम फिलहाल जेल में बंद है।

दोनों की पहचान बासवराज अवन्ना तल्लोई और उसकी पत्नी सेजल प्रजापति के तौर पर की गई है। वे बीजापुर के रहने वाले हैं। उन्हें कर्नाटक में बेंगलूर स्थित उनके आवास से कल गिरफ्तार किया गया और नगर पुलिस की अपराध शाखा आज सुबह यहां लेकर आई।

आरोपी आसाराम के कट्टर साधक
पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी आसाराम के कट्टर साधक हैं और दो वर्षों के भीतर कम से कम छह लोगों पर हमले कराए ताकि आसाराम और उसके पुत्र नारायण साई के खिलाफ आवाज को बंद किया जा सके। नारायण साई भी सूरत में अपने खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले में जेल में है।

नगर पुलिस आयुक्त शिवानंद झा ने कहा, ‘‘हमने दो अहम षड्यंत्रकारियों बासवराज और सेजल को बेंगलूर से कल गिरफ्तार किया। उन्होंने आसाराम के 15 अन्य अनुयायियों के साथ साजिश रची और हाल में गुजरात में कई गवाहों और आसाराम के विरोधी साधकों पर हमले कराए।’’

पुलिस ने बताया कि दोनों ने उन लोगों की ‘हिट लिस्ट’ बनाई जिन्हें वो आसाराम के विरोधी रख के लिए ‘साफ करना’ चाहते थे।

शार्प शूटरों को भाड़े पर रखा
पुलिस उपायुक्त (अपराध) दीपन भद्रां ने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ है कि इन षड्यंत्रकारियों ने शार्प शूटरों को भाड़े पर रखा। गुजरात के छह मामलों के अलावा हम राज्य के बाहर मामलों में उनकी भूमिका का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।’’

आसाराम के अन्य 15 साधकों जिन्होंने हमले को अंजाम देने में दोनों की मदद की उनकी पहचान पुनीत, प्रवीण वकील, शैलेंद्र, अर्जुन वकील, किशोर बोडके, अतुल नारखेडे, गोपाल पाटीदार, चंद्रशेखर तल्लोई, सुनील वानखेड़े, मनोज, अंकित, लक्ष्मण पुरोहित, राकेश पटेल, सुकेश और तामराज के तौर पर की गई है।

अपराध शाखा की एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि ये सभी आसाराम के करीबी हैं और समूचे भारत में विभिन्न आश्रमों में रहते थे और उनकी गिरफ्तारी की जानी बाकी है।

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आसाराम के मामले में गवाहों को सबक सिखाने और ‘गुरुजी’ को जेल से बाहर निकालने में मदद की साजिश के तहत उन सबने एक समूह बनाया और बासवराज और सेजल को आसाराम के अत्याचारों के पीड़ित के तौर पर पेश कर गवाहों की सहानुभूति जीतने का फैसला किया।