मालवा:
पंजाब के मालवा इलाके में कपास की फसल कीट के हमले से बुरी तरह प्रभावित हुई है। किसान कह रहे हैं कि उन्हें घटिया कीटनाशक सप्लाई किया गया, जिससे फसल बचाई नहीं जा सकी। पिछले एक हफ्ते में कर्ज में तीन कपास किसान खुदकुशी कर चुके हैं। किसानों के भारी विरोध के बाद राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किए हैं।
सात एकड़ तबाह कपास की फसल, एक बूढी मां, दो बिलखती बहनें, एक बीमार भाई और छह लाख का कर्ज बठिंडा के गांव बुर्ज मेहमा में 33 साल का काला सिंह कल तक परिवार का मुखिया था, जिस कीटनाशक से वह अपनी फसल को सफेद कीट से नहीं बचा पाया उसे पीकर खुदकुशी कर ली।
ममेरे भाई हरबंस सिंह कहते हैं कि काला सिंह बहुत मेहनत करता था। पहले भी जमीन बेचकर कर्ज चुकाया था उसने, अब लगातार नुक्सान हो रहा था और कर्ज बढ़ रहा था, कपास की फसल पूरी तरह बर्बाद होने से बहुत दुखी था।
पिछले एक हफ्ते के भीतर खुदकुशी की ये तीसरी घटना है। इससे पहले फसल बर्बाद होने से बठिंडा के ही दौलतपुरा गांव के रंजीत सिंह और नठेहा के गुरजंट सिंह मौत को गले लगा चुके हैं।
यहां से कुछ किलोमीटर दूर, मुक्तसर के कोट भाई गांव में किसान लाभ सिंह अपनी ढाई एकड़ जमीन पर कीट से बर्बाद कपास की फसल को ट्रैक्टर से उजाड़ रहे हैं। वह हमें बीती कॉटन बीज का वह पैकेट दिखाते हैं, जो उन्होंने सरकार द्वारा अधिकृत डीलर से खरीदा था। कृषि महकमे को लिखा खत भी उनके पास है, जिसमें उन्होंने कीट से फसल बचाने के लिए मदद मांगी थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं। लाभ सिंह बताते हैं कि बीज डीलर पांच हजार रुपये लेकर चुप बैठने को कह रहे हैं, धमका भी रहे हैं कि अगर शिकायत की तो कंपनी कोर्ट में घसीटेगी।
ये हाल मालवा की पूरी कपास पट्टी का है। नौ जिलों में लगभग ८० फीसदी कपास की फसल को कीट चट कर गई है। नाराज़ किसान मुआवज़े की मांग को लेकर बठिंडा से बादल गांव की सड़क पर दो दिनों तक जाम लगाकर बैठे रहे, तब कहीं जाकर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मिलने के लिए १४ सितम्बर का वक्त मिला।
विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार का मामला बता रहे हैं। पंजाब पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष मनप्रीत बादल कहते हैं कि कीटनाशक बनाने की फैक्ट्री घर-घर लगी है, सरकार ने बिना जांच किए इनसे कीटनाशक खरीदा, जो किसान के किसी काम नहीं आया। पंजाब का कृषि महकमा इसके लिए जिम्मेदार है।
वहीं प्रशासन ने पिछले हफ्ते बठिंडा की रामा मंडी में एक गोदाम पर छापा मारकर नकली कीटनाशक बरामद किए, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने एक वरिष्ठ पुलिस अफसर की अगुवाई में विशेष जांच दल का गठन किया है, जो नकली कीटनाशक सप्लाई की जांच करेगा। किसानों को मुआवजे के लिए बादल सरकार ने विशेष सर्वे के आदेश दिए हैं, लेकिन ये सहायता राशि कब मिलेगी, ये कोई नहीं बता रहा।
सात एकड़ तबाह कपास की फसल, एक बूढी मां, दो बिलखती बहनें, एक बीमार भाई और छह लाख का कर्ज बठिंडा के गांव बुर्ज मेहमा में 33 साल का काला सिंह कल तक परिवार का मुखिया था, जिस कीटनाशक से वह अपनी फसल को सफेद कीट से नहीं बचा पाया उसे पीकर खुदकुशी कर ली।
ममेरे भाई हरबंस सिंह कहते हैं कि काला सिंह बहुत मेहनत करता था। पहले भी जमीन बेचकर कर्ज चुकाया था उसने, अब लगातार नुक्सान हो रहा था और कर्ज बढ़ रहा था, कपास की फसल पूरी तरह बर्बाद होने से बहुत दुखी था।
पिछले एक हफ्ते के भीतर खुदकुशी की ये तीसरी घटना है। इससे पहले फसल बर्बाद होने से बठिंडा के ही दौलतपुरा गांव के रंजीत सिंह और नठेहा के गुरजंट सिंह मौत को गले लगा चुके हैं।
यहां से कुछ किलोमीटर दूर, मुक्तसर के कोट भाई गांव में किसान लाभ सिंह अपनी ढाई एकड़ जमीन पर कीट से बर्बाद कपास की फसल को ट्रैक्टर से उजाड़ रहे हैं। वह हमें बीती कॉटन बीज का वह पैकेट दिखाते हैं, जो उन्होंने सरकार द्वारा अधिकृत डीलर से खरीदा था। कृषि महकमे को लिखा खत भी उनके पास है, जिसमें उन्होंने कीट से फसल बचाने के लिए मदद मांगी थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं। लाभ सिंह बताते हैं कि बीज डीलर पांच हजार रुपये लेकर चुप बैठने को कह रहे हैं, धमका भी रहे हैं कि अगर शिकायत की तो कंपनी कोर्ट में घसीटेगी।
ये हाल मालवा की पूरी कपास पट्टी का है। नौ जिलों में लगभग ८० फीसदी कपास की फसल को कीट चट कर गई है। नाराज़ किसान मुआवज़े की मांग को लेकर बठिंडा से बादल गांव की सड़क पर दो दिनों तक जाम लगाकर बैठे रहे, तब कहीं जाकर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मिलने के लिए १४ सितम्बर का वक्त मिला।
विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार का मामला बता रहे हैं। पंजाब पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष मनप्रीत बादल कहते हैं कि कीटनाशक बनाने की फैक्ट्री घर-घर लगी है, सरकार ने बिना जांच किए इनसे कीटनाशक खरीदा, जो किसान के किसी काम नहीं आया। पंजाब का कृषि महकमा इसके लिए जिम्मेदार है।
वहीं प्रशासन ने पिछले हफ्ते बठिंडा की रामा मंडी में एक गोदाम पर छापा मारकर नकली कीटनाशक बरामद किए, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने एक वरिष्ठ पुलिस अफसर की अगुवाई में विशेष जांच दल का गठन किया है, जो नकली कीटनाशक सप्लाई की जांच करेगा। किसानों को मुआवजे के लिए बादल सरकार ने विशेष सर्वे के आदेश दिए हैं, लेकिन ये सहायता राशि कब मिलेगी, ये कोई नहीं बता रहा।
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