सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन (Nationwide Lockdown) खत्म होने के बाद बीएस IV (BS-4) मानक वाले वाहनों की दिल्ली-एनसीआर के बाहर दस दिन के लिये बिक्री की अनुमति दे दी. शीर्ष अदालत ने इससे पहले बीएस IV मानक वाले वाहनों की बिक्री की समय सीमा 31 मार्च, 2020 निर्धारित की थी. न्यायमूति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया. इस संगठन ने देश में कोराना वायरस की दहशत और आर्थिक मंदी के मद्देनजर न्यायालय से बीएस IV मानक वाले बचे हुये वाहनों की बिक्री की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने ऑटोमोबील डीलरों को थोड़ी राहत देते हुए लॉकडाउन खत्म होने पर दस दिनों के भीतर BS-IV बचे वाहनों के स्टॉक में से 10 फीसदी बेचने की इजाजत दे दी. कोर्ट ने कहा कि ये वाहन दस दिनों के भीतर ही पंजीकृत किए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि ये वाहन दिल्ली- NCR में नहीं बेचे जाएंगे. कोर्ट ने कहा कि कोरोना के नाम पर इस तरह 30 दिनों के लिए डेडलाइन नहीं बढाई जा सकती. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि हमें BS VI वाहनों के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए और पर्यावरण को बचाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हमें देश और पर्यावरण के लिए बलिदान देना सीखना चाहिए. हमें बिजनेस और डीलरों से सहानुभूति है. वहीं FADA की ओर से कहा गया कि 7000 करोड़ के वाहन बचे हैं इसलिए 30 दिनों की मोहलत और दी जाए. FADA ने लॉकडाउन के कारण समय सीमा का विस्तार मांगा और बड़े संभावित दिवालिया होने, नौकरियों को दांव पर लगने का हवाला दिया. FADA ने कहा कि BS IV की समय सीमा के कारण 15 हजार यात्री कारें, 12 हजार वाणिज्यिक वाहन और 7 लाख दोपहिया वाहन दांव पर लगे हैं.
न्यायाधीशों ने इस याचिका की वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई की और स्पष्ट किया कि एक अप्रैल 2020 से बीएस IV मानक वाले वाहनों की बिक्री दिल्ली-एनसीआर में नहीं होगी. सरकार ने मोटर वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिये भारत स्टेज मानक निर्धारित किये हैं. देश में अप्रैल, 2017 से बीएस IV मानक लागू हैं.
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