कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के मद्देनजर भारतीय रेल ने आम रेल यात्रियों को अगले एक से दो दिन बहुत ज़रूरी न होने पर रेल यात्रा टालने की सलाह दी है. एनडीटीवी से बातचीत में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा है कि बेहद ज़रूरी होने पर ही लोगों को पूरी एहतियात के साथ ट्रेनों में अगले एक-दो दिन सफर करना चाहिए. पिछले 10 दिन में सिर्फ नॉर्दर्न जोन में 7 से 8 लाख टिकट कैंसिल हो चुके हैं.
रेलवे बोर्ड ने आम लोगों को हिदायत दी है कि अगर बहुत ज़रूरी न हो तो रेल यात्रा से अगले एक-दो दिन बचें. एनडीटीवी से बात करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने कहा कि अगले एक से दो दिन आम लोगों को गैरजरूरी यात्रा टालना चाहिए. बहुत ज़रूरी हो तभी रेल यात्रा करें. यात्रियों को कोशिश करनी चाहिए कि वे ग्रुप में यात्रा न करें जिससे भीड़ हो. हमने कुछ ट्रेनें कैंसिल की हैं, ज़रूरी हुआ तो और भी ट्रेनें कैंसिल करेंगे.
उधर नॉर्दर्न जोन ने पिछले 10 दिन में करीब सात से आठ लाख टिकट कैंसिल किए हैं. रेलवे के चीफ पीआरओ दीपक कुमार ने NDTV से कहा कि पिछले दस दिन में नॉर्दर्न जोन में 7 से 8 लाख ट्रेन टिकट कैंसिल हुए हैं. एक से 15 फरवरी की तुलना में एक से 15 मार्च के दौरान 20 से 25% टिकट का एवरेज से ज्यादा कैंसिलेशन है.
उधर टूरिज़्म, ट्रांसपोर्ट और कल्चर मामलों की संसदीय समिति ने बुधवार को संसद में लम्बी बैठक की. सूत्रों के मुताबिक सांसदों को बताया गया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट की वजह से पूरे एविएशन सेक्टर को काफी नुकसान हुआ है. बैठक में एक एयरलाइन कंपनी द्वारा ग्राउंड स्टाफ को बिना वेतन के काम से दूर रहने के निर्देश पर सवाल भी उठा.
कुछ सांसदों ने रेलवे प्रशासन को सलाह दी कि जो लोग पढ़ लिख नहीं सकते उन्हें कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे से आगाह करने के लिए रेलवे को विशेष अभियान शुरू करना चाहिए. सांसदों ने ये भी सलाह दी कि जो कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज़ हैं उन्हें 14 दिन के क्वारंटाइन में रखने के लिए सरकारी तंत्र पुख्ता व्यवस्था बहाल करे.
दरअसल खतरा बड़ा है और सरकार से लेकर आम आदमी तक हर किसी को साथ मिलकर इस खतरे से लड़ना होगा.
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