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This Article is From May 13, 2020

ट्रेन में सोशल डिस्‍टेंसिंग का बना 'मजाक', खाने की सामग्री और पानी के लिए पैंट्री में यात्रियों की लगी भीड़

रात्रि भोजन के समय खाने के पैकेट और पानी की बोतलें खरीदने के लिए पैंट्री में भारी भीड़ जमा हो गई. रेलवे ने पानी की बोतलों के अलावा पैंट्री में बिस्कुट, भुजिया और चॉकलेट जैसे खाने के पैकेट उपलब्ध कराए थे.

ट्रेन में सोशल डिस्‍टेंसिंग का बना 'मजाक', खाने की सामग्री और पानी के लिए पैंट्री में यात्रियों की लगी भीड़
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्ली:

Coronavirus Lockdown:  देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों के लिए रेल सेवाएं आंशिक रूप से शुरू होने के बाद अहमदाबाद से नई दिल्ली पहुंची पहली ट्रेन में सामाजिक दूरी (Social Distancing) के नियम का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया. एक यात्री ने बताया कि रात्रि भोजन के समय खाने के पैकेट और पानी की बोतलें खरीदने के लिए पैंट्री में भारी भीड़ जमा हो गई. रेलवे ने पानी की बोतलों के अलावा पैंट्री में बिस्कुट, भुजिया और चॉकलेट जैसे खाने के पैकेट उपलब्ध कराए थे.

लेकिन पैंट्री से दूर वाली बोगियों में बैठे यात्रियों को भोजन और पानी की बोतलें खरीदने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिससे ट्रेन नंबर 02957 की बी-1 बोगी के पास स्थित पैंट्री वैन में भारी भीड़ लग गई. यह ट्रेन साबरमती रेलवे स्टेशन से 12 मई को शाम साढ़े छह बजे रवाना हुई और बुधवार सुबह आठ बजे दिल्ली पहुंची. बी-6 बोगी में बैठे छात्र निहार कक्कड़ ने बताया, ‘‘रात को पैंट्री में भीड़ जमा होने पर एक घोषणा कर यात्रियों से एक-एक करके पैंट्री की ओर आने का अनुरोध किया गया. इसके बाद लोगों ने लंबी कतार लगा ली जिससे बाकी यात्रियों को असुविधा हुई.'' उसने बताया कि भीड़ को रोकने के लिए बाद में रेलवे का एक कर्मचारी खुद बोगियों में जाकर पानी बेचने लगा.

ट्रेन में सोशल डिस्‍टेसिंग सुनिश्चित करने के लिए सभी सीटें भरी नहीं थीं. एसी-3 बोगी में आठ सीटों की क्षमता के मुकाबले छह यात्रियों को सीटें दी गई.चूंकि कई यात्री दिल्ली के निवासी नहीं थे इसलिए उन्हें अपने गृह नगर के लिए आगे की यात्रा की चिंता थी. कई यात्री पड़ोसी राज्य खासतौर से उत्तर प्रदेश जा रहे थे.कक्कड़ के साथ यात्रा करने वाले एक व्यक्ति ने उसे बताया, ‘‘हमें उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जाना है. हमने अहमदाबाद से ट्रेन से आधी यात्रा पूरी कर ली है, हमें घर पहुंचने के लिए आधी और यात्रा तय करनी है. हमें नहीं पता कि क्या हमें दिल्ली से कोई साधन मिलेगा लेकिन हमने इस उम्मीद में यह यात्रा की है कि उत्तर प्रदेश के हमारे मुख्यमंत्री ने कुछ व्यवस्था तो की होगी.''इसी बोगी में यात्रा कर रहे एक अन्य यात्री ने बताया, ‘‘मेरा दोस्त ट्रेन में नहीं चढ़ सका क्योंकि वह जांच में पास नहीं हुआ. अब उसे डर है कि कहीं वह संक्रमित न हो गया हो. हमने गोरखपुर जाने के लिए साथ में टिकट कराई थी.''कक्कड़ ने बताया कि ट्रेन में हर आयु वर्ग के लोगों ने यात्रा की.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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