Covid-19 Pandemic: कोरोना वायरस की महामारी के बीच केरल के मलप्पुरम जिले में अनुसूचित जाति की एक छात्रा ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली. जानकारी के अनुसार, ऑनलाइन क्लास अटेंड नहीं कर पाने की निराशा के कारण कक्षा नौंवी की दलित छात्रा ने यह कदम उठाया. परिजनों ने आरोप लगाया है कि ऑनलाइन क्लास तक पहुंच (Access) बनाने के कारण छात्रा बेहद निराश थी. छात्रा के पिता ने संवाददाताओं को बताया, "घर पर एक टीवी है, लेकिन वह काम नहीं कर रहा है. मेरी बेटी ने मुझे बताया कि इसकी मरम्मत की जरूरत है, लेकिन मैं इसे पूरा नहीं कर सका." छात्रा का पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और कोरोना वायरस लॉकडाउन में कारण उसकी कमाई बेहद कम हो गई है. उन्होंने कहा,"मुझे नहीं पता कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया. मैंने उससे कहा था कि हम दोस्त के घर जाकर ऑनलाइन क्लास ले सकते हैं.'' छात्रा की मां ने कुछ सप्ताह पहले ही दूसरी संतान को जन्म दिया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया, "परिवार आर्थिक रूप से बेहद तनाव में था. लड़की को इस बात की चिंता सता रही थी कि या तो वह आगे की पढ़ाई नहीं कर पाएगी, या उसकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित होगी. शुरुआती रिपोर्ट्स की मानें तो शुरू से ही वह टीवी या ऑनलाइन कक्षाओं को अटेंड नहीं कर पाने को लेकर परेशान थी." केरल के शिक्षा मंत्री सी रवींद्रनाथ ने इस दुखद घटना पर जिला स्तर के शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है.
कोविड-19 की महामारी के बीच दक्षिण भारत के राज्य केरल ने 1 जून से ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अपने शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत की है, ये ऑनलॉइन क्लासेज विक्टर्स चैनल पर प्रसारित की जाती है और इसके लिए कक्षा 1 से 12 तक के सभी छात्रों को एक विस्तृत समय सारिणी दी गई. हालांकि, राज्य में अनुमानित 2.5 लाख छात्रों की या तो उन टीवी या उपकरणों तक पहुंच नहीं है जिनसे इंटरनेट का इस्तेमाल हो सकता है. सरकार प्रायोजकों की मदद से व्यूइंग सेंटर (viewing centres) या छोटे ग्रुप को लैपटॉप देकर इस समस्या के समाधान का प्रयास कर रही है. केरल के वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि ऑनलाइन कक्षाओं के कारण छात्रों को स्मार्टफोन, कंप्यूटर और विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्शन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
(आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है. अगर आपको सहारे की जरूरत है या आप किसी ऐसे शख्स को जानते हैं जिसे मदद की दरकार है तो कृपया अपने नजदीकी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाएं.)
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AASRA: 91-22-27546669 (24 घंटे उपलब्ध)
स्नेहा फाउंडेशन: 91-44-24640050 (24 घंटे उपलब्ध)
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ: 1860-2662-345 और 1800-2333-330 (24 घंटे उपलब्ध)
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