Coronavirus In India: कोरोना वायरस की वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर दुनिया भर में काफी तेजी से ट्रायल हो रहे है लेकिन अभी तक इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पा रही है कि इसे कब तक लांच कर दिया जाएगा. उधर भारत में कोरोना वायरस के नए मरीजों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. माना जा रहा है कि नए केसों की संख्या इसी रफ्तार से बढ़ी हो सकता है कि ब्राजील को पीछे छोड़कर इस मामले में हम दुनिया के नंबर दो की स्थिति में आ जाएं. इसके बाद अमेरिका को भी पीछे छोड़कर हम पूरी दुनिया में पहले नंबर पर पहुंच जाएं. हालांकि भारत के लिए राहत भरी बात ये है कि इस बीमारी से मरने वालों की संख्या काफी कम है और रिकवरी रेट 70 फीसदी आसपास है जो बाकी देशों से काफी ज्यादा है. अब इन आंकड़ों पर गौर करें तो मई के महीने में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी (WHO) के अधिकारी डॉ. डेविड नाबारो ने NDTV से जो बात कही थी वह सच साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि जुलाई के आखिरी हफ्ते के आसपास भारत में कोरोना वायरस अपने चरम पर होगा. उन्होंने कहा था कि यह हालात नियंत्रण से पहले के होंगे.
विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने कहा- महामारी का प्रभाव ‘हमारी समग्र कल्पना' से परे होगा
उनका कहना था भारत जैसे-जैसे लॉकडाउन की स्थिति से बाहर आएगा केसों की संख्या भी बढ़ती जाएगी. हालांकि उनका दूसरा अनुमान यह भी था कि इससे घबराने की जरूरत नही है क्योंकि इस स्थिति के आने के बाद हालात धीरे-धीरे नियंत्रण की ओर आएंगे. डॉ.नबारो में जब यह बात कही थी उस समय भारत में 56,000 केस सामने आ चुके थे जिसमें 1,850 की मौत हुई थी. अभी हालात जो दिख रहे हैं कि उसकी माने तो भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप अपने चरम पर पहुंच चुका है और अब नए केसों की आंकड़ों में कमी देखी जा रही है. कुछ सप्ताह पहले तक नए केसों के आने की दर 3.7 थी जो इस समय गिरते हुए 2.3 फीसदी तक आ गई है. हालांकि यह स्थिति अभी बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है. क्योंकि नए केसों की आने की संख्या के मामले में भारत अभी पूरी दुनिया में नंबर वन बना हुआ है.
भारत के लिहाज से सबसे अच्छी बात ये है कि यहां लोग इस बीमारी को आसानी से झेल ले रहे हैं और यहां पर मृत्युदर जहां पर 2.4 फीसदी थी जो अब 1.9 फीसदी पर आ गई है. अब तक हुई मौतों में ज्यादातर वही लोग शामिल थे जिनको पहले से ही कोई दूसरी बीमारी थी. इटली में मृत्यु दर 14 फीसदी और स्पेन में 10 फीसदी है. भारत के युवा इस बीमारी से लड़ने में ज्यादा मजबूत साबित हुए हैं. पूरी दुनिया के मुकाबले यहां के युवाओं की मृत्युदर भी बहुत कम है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं