Maharashtra Coronavirus: रात की रौनक में जीती, भागती-दौड़ती मुंबई एक बार फिर शांत है. महाराष्ट्र के शहरी इलाक़ों में नाइट कर्फ़्यू कल रात से लागू है. कोरोना वायरस के नए स्वरूप के डर और लोगों की अनदेखी के कारण ये फ़ैसला लेना पड़ा. दिसम्बर में आर्थिक तौर पर ख़ुद को सम्भालने और अच्छी कमाई की आस पाले होटल-रेस्टोरेंट व्यवसाय को फिर कोरोना ने बड़ा झटका दे दिया है.
महाराष्ट्र में नाइट कर्फ़्यू के पहले दिन मुंबई ठाणे, सोलापुर, उल्लहासनगर सहित कई शहरों में नाकाबंदी की गई. कर्फ़्यू रात 11 से सुबह 6 बजे तक है, लेकिन 11 से पहले ही दुकानों, रेस्टोरेंट, पब, बार और क्लबों के शटर डाउन होते दिखे. मुंबई के मॉल, बड़े रेस्टोंरेंट साढ़े दस बजे बंद हो गए और 11 बजे शहर शांत होता दिखा.
कोरोना और इसके बदले स्वरूप के ख़ौफ ने क्रिसमस और नए साल का जश्न भी घर तक ही सीमित कर दिया है. कोविड में बड़ा नुकसान झेल चुके होटल-रेस्टोंरेंट व्यवसाय को नए साल में बड़ी उम्मीदें थीं लेकिन कोविड का कहर इन पर एक बार फिर बरपा है. होटल मालिक फैसले से निराश हैं लेकिन इसे स्वीकार करने के अलावा रास्ता भी क्या बचा है?
पश्चिम भारत के होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रदीप शेट्टी कहते हैं कि ‘'नाइट कर्फ़्यू से हम निराश हैं. बीते हफ़्ते ही हमने राज्य सरकार को लिखा था कि रेस्टोंरेंटों को और दो घंटे खुले रखने की इजाज़त दे दें. इस तरह से हम सरकार के लिए 50 से 70 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जोड़ते और हज़ारों रोज़गार इससे पैदा होते. पर हमने इस फैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया है और रेस्टोरेंटों, होटलों में नए साल का जश्न अब 12 बजे नहीं बल्कि 10:30 बजे ही होगा ताकि तब तक मेहमान चले जाएं और 11 बजे तक सब बंद हो जाए.''
मुंबई की रातें हमेशा रौनक़ रहती हैं. बड़े छोटे हर होटल दिसम्बर के महीने को कमाई का बड़ा अवसर मानते हैं लेकिन नाइट क्लब, पब, होटलों में हाल ही में नियमों की धज्जियां उड़ाने की घटनाएं नाइट कर्फ़्यू लगने का बड़ा कारण बनी हैं. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने कन्टेनमेंट जोन के बाहर वाटरस्पोर्ट्स, इनडोर इंटरटेनमेंट गतिविधियों और टूरिस्ट प्लेस को खोलने की अनुमति दे दी है.
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