कोरोना वायरस के नये मामलों में ग्रामीण और छोटे जिलों की हिस्सेदारी बढ़कर 54% : रिपोर्ट

चालू वित्तीय साल की पहली तिमाही में जीडीपी की लेकर जारी की गई एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई और अगस्त के महीने में कोरोना वायरस से गांवों में घुसपैठ की है. रिपोर्ट के मुताबिक कुल नये मामलों में ग्रामीण व छोटे जिलों की हिस्सेदारी बढ़कर 54 प्रतिशत हो गयी है.

कोरोना वायरस के नये मामलों में ग्रामीण और छोटे जिलों की हिस्सेदारी बढ़कर 54% : रिपोर्ट

कोरोना वायरस के मामले में गांवों में बढ़ रहे हैं.

नई दिल्ली :

चालू वित्तीय साल की पहली तिमाही में जीडीपी की लेकर जारी की गई एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई और अगस्त के महीने में कोरोना वायरस से गांवों में घुसपैठ की है. रिपोर्ट के मुताबिक कुल नये मामलों में ग्रामीण व छोटे जिलों की हिस्सेदारी बढ़कर 54 प्रतिशत हो गयी है. रिपोर्ट की मानें तो ऐसे जिलों की संख्या घटी है जहां 10 से कम कोरोना वायरस के मामले थे. आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों से ज्यादा प्रभावित हैं. इसमें कहा गया है, ‘‘इन जिलों का अपने-अपने राज्यों के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में हिस्सेदारी करीब 2 से 4 प्रतिशत है. यह बताता है कि दूर-दराज के क्षेत्रों में मामले बढ़ रहे हैं.'

वहीं रिपोर्ट में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 16.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है. इससे पहले, मई में एसबीआई रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट की आशंका जतायी गयी थी.  हालांकि वर्तमान अनिश्चित परिदृश्य में कुछ शर्तों के साथ अब इसमें 16.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया गया है. 

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एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट इकोरैप में कहा कि जहां तक सूचीबद्ध कंपनियों के परिणाम का सवाल है, कॉरपोरेट जीवीए (कुछ वित्तीय और गैर-वित्तीय कंपनियों के उम्मीद से बेहतर परिणाम) वित्त वर्ष 2020-21 में आय में गिरावट के मुकाबले बेहतर रहा है. 



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)