भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मरीजों की संख्या 1000 से पार चली गई है. अब तक 27 लोगों की मौत और 96 मरीज ठीक हुए हैं. इस संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर हर संभव कोशिश कर रहे हैं. 21 दिन का लॉकडाउन जारी है. कोरोनावायरस (Covid19) के साथ जारी महाभारत में इस बात की चुनौती है कि इस बीमारी के चक्रव्यूह को जल्दी से जल्दी कैसे तोड़ा जाए. क्योंकि यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है. अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ दिन पहले तक हर रोज इससे बीमार होने का आंकड़ा 50 से 60 लोगों का आता था. लेकिन बीते हफ्ते हर रोज 100 से ज्यादा लोगों के इस बीमारी से संक्रमित होने की खबरें आने लगी हैं. इसमें एक बात यह भी मानी जा सकती है कि शायद अब इसकी जांच में तेजी में आई है, यह भी एक वजह हो सकती है. लेकिन विदेशों से जो खबरें आ रही हैं वह डराने वाली भी हैं. अमेरिका में इससे प्रभावित लोगों की संख्या जहां एक लाख तक पहुंच रही है वहीं मरने वालों का आंकड़ा 2500 है. राष्ट्रपति ट्रंप ने मान लिया है कि अभी मौतों का आंकड़ा और बढ़ने वाला है. भारत में सभी तरह की आशंकाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब तक कई कदम उठाए हैं और इस बीमारी को लेकर केंद्र ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत सारी जिम्मेदारी संभाल ली है. कल ही 11 विशेष अधिकारी समितियों का गठन किया है. इन समितियों में पीएमओ स्तर के अधिकारी और कैबिनेट सचिवालयों के अधिकारियों को लगाया गया है.
राज्य सरकारों को मिलीं इन खास बातों की अनुमति
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस यानी कोविड-19 (COVID-19) को काबू करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों एवं बेघर लोगों को आश्रय मुहैया कराने के लिए राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के इस्तेमाल और देश में सभी जरूरी एवं गैर-जरूरी वस्तुओं की ढुलाई की रविवार को अनुमति दे दी है.
नए अस्पतालों के लिए तैयारी शुरू
पश्चिम उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में तेजी से बढ़ रहे कोरोनावायरस मामलों से यहां अस्पतालो में बेड कम पड़ने लगे हैं और अब प्रशासन ने नए हॉस्पिटल बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनुराग भार्गव ने बताया कि कोरोनावायरस से पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों को वर्तमान समय में ग्रेटर नोएडा की जिम्स हॉस्पिटल और नोएडा की चाइल्ड पीजीआई में रखने की व्यवस्था की गई है. भार्गव के अनुसार दोनों अस्पतालों को मिलाकर कुल 19 बेड उपलब्ध हैं, जबकि जिले में कोरोना वायरस के मरीज 23 हो चुके हैं, ऐसे यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन जल्दी से जल्दी नए अस्पतालो का निर्माण करें.
पीएम मोदी कर रहे हैं सीधे देखरेख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोनावायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई पर सीधी प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए रोजाना 200 से अधिक लोगों के साथ संवाद करते हैं. यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को दी. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस तरह के संवाद में राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को किये जाने वाले फोन कॉल शामिल हैं.
पीएमओ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मोदी देश के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और स्वच्छता कर्मचारियों से भी फोन के माध्यम से संपर्क करते हैं. मोदी ऐसा ‘‘उन्हें प्रोत्साहित करने और देश एवं समाज के प्रति उनकी सेवा के लिए आभार जताने के लिए करते हैं.''
मजूदरों के लिए राहत शिविर बनाने का आदेश
शनिवार को गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी किया है. जिसके तहत राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा गया है कि मजदूरों के लिए SDRF फंड से राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए. उनके लिए अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सा की व्यावस्था भी की जाए.
आर्थिक मदद का भी ऐलान
सरकार की ओर से अगले तीन महीने तक कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में कर्मचारी और नियोक्ता के योगदान (12%+12%= कुल 24%) का भुगतान करेगी. यह लाभ उन संस्थानों को मिलेगा, जिनमें 100 से कम कर्मचारी हैं, उनमें से 90 प्रतिशत का मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है. आपको बता दें कि सरकार की ओर से 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया गया है. इसके अलावा टैक्स और ईएमआई में सहूलियतें दी गई हैं.
रेलवे ने कसी कमर
रेलवे ने कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए गैर वातानुकूलित ट्रेन कोचों को पृथक वार्ड का रूप दिया है. रेलवे ने शनिवार को बताया कि अगले कुछ दिनों में अमल में लाई जा सकने वाली अच्छी पहलों को अंतिम रूप देने के बाद प्रत्येक रेलवे मंडल हर हफ्ते 10 डिब्बों के एक रेक का निर्माण करेगा.
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने कहा, 'उसके बाद हम आतंरिक इलाकों या जिस भी क्षेत्र को कोच की जरूरत होगी, वहां सेवा देंगे'
टेस्टिंग किट भी मिली
पुणे की माईलैब डिस्कवरी सैल्युएशन ने कहा है कि उसने COVID19 की टेस्टिंग किट बना ली है और इसको भारतीय अनुसंधान परिषद यानी (ICMR) की ओर से मंजूरी भी मिल गई है. माई लैब डिस्कवरी सोल्यूशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य श्रीकांत पटोले ने NDTV को बताया कि एक किट की कीमत 1 लाख 20 हजार रुपए है और इसमें प्रति जांच का खर्चा 1200 रुपये आएगा. एक किट से 100 जांचें की जा सकेंगी.
यहां आपको बता दें कि मीनल भोसले के नेतृत्व में उनकी इस टीम ने कोरोनावायरस टेस्टिंग किट (COVID-19 Testing Kit) का निर्माण किया है. उन्होंने फरवरी में अपनी प्रेगनेंसी में चल रही कॉप्लिकेशन के चलते अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद ही इस पर काम करना शुरू कर दिया था और 18 मार्च को उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलोजी में जांच किट सौंपी थी. उन्होंने यह किट अपनी बच्ची को जन्म देने से एक दिन पहले ही सब्मिट की थी.
सेना के सामने भी चुनौती
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 13 लाख अधिकारियों और जवानों वाली सेना को कोरोना वायरस के संक्रमण से अलग रखने तथा इस महामारी को रोकने में सरकार की हरसंभव सहायता के लिए शुक्रवार को ‘ऑपरेशन नमस्ते' की शुरूआत की है.
फिलहाल देखने वाली बात यह है कि भारत जैसे बड़े देश में सरकार कम्युनिटी संक्रमण को कैसे रोकती है क्योंकि कुछ लोगों की लापरवाही ने भी मामलों को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
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