दिल्ली में दिहाड़ीदार मजदूरी करने वाले बंटी अपने छोटे भाई, पत्नी और चार बच्चों समेत दिल्ली छोड़कर अपने गांव अलीगढ़ पैदल जा रहे हैं. इनके साथ एक 10 महीने का बच्चा और तीन छोटे बच्चे हैं. दिल्ली से बुधवार को सुबह आठ बजे चले हैं और दोपहर दो बजने को है. हमारे संवाददाता के बात करने तक लगभग 25 किमी दूर उत्तर प्रदेश के लाल कुंआ तक पहुंचे हैं. इस कड़ी धूप में छोटे बच्चों के साथ पैदल अलीगढ़ जा रहे परिवार की आप आप बीती जरूर सुनना चाहेंगे.
उनका कहना है कि काम बंद है इसलिए मजदूरी नहीं मिली. यहां रुक कर क्या पत्थर खाएंगे. गांव जाएंगे तो वहां तो नमक रोटी मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि अगर ऐसे चलते रहे तो पैदल कल शाम तक परिवार अलीगढ़ पहुंचेगा.
वहीं, दूसरी ओर एक ऐसी आपबीती है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, दोपहर की चिलचिलाती धूप... पुलिस ने सख्ती से लागू कर दिया है लॉकडाउन, जिसमें सिर्फ आवश्यक सेवाएं ही जारी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार रात को टेलीविज़न पर दिए राष्ट्र के नाम संदेश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा करने के बाद पुलिस सारी रात घोषणा करती रही, लेकिन इसके बावजूद बेहद झकझोर देने वालेहालात ने 20-वर्षीय अवधेश कुमार को मजबूर कर दिया कि वह सावधानी को छोड़कर, पुलिस कार्रवाई का खतरा उठाकर भी सड़क पर आ जाए.
अवधेश ने मंगलवार रात को ही उन्नाव स्थित अपनी फैक्टरी से 80 किलोमीटर की दूरी पर बसे बाराबंकी में अपने गांव की तरफ चलना शुरू कर दिया था, और वह गुरुवार सुबह ही घर पहुंच पाएगा, बशर्ते उसे रास्ते में पुलिस ने नहीं रोक लिया. लगभग 36 घंटे के इस सफर में अवधेश कहीं भी रुक नहीं पाएगा, एक-दो बार को छोड़कर. अवधेश का साथ देने के लिए लगभग 20 अन्य बूढ़े-जवान और भी हैं, जो उसके साथ उन्नाव की उसी फैक्टरी में काम करते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं