नई दिल्ली:
रक्षामंत्री एके एंटनी ने अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीवीआईपी) के सुगम परिवहन के लिए 3,546 करोड़ रुपये में खरीदे गए 12 हेलीकॉप्टरों के सौदे में कथित अनियमितताओं पर रोम स्थित भारतीय दूतावास से रिपोर्ट मांगी है। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "रक्षामंत्री ने, वायु सेना के वीवीआईपी कम्युनिकेशन स्क्वाड्रन के लिए अगस्टा वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टर खरीदे जाने में हुई कथित अनियमितताओं पर मीडिया में आई एक रिपोर्ट के बाद मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया कि रोम स्थित भारतीय दूतावास से नई रपट मंगाई जाए।"
ये हेलीकॉप्टर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित, भारतीय नेतृत्व को आरामदायक, और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए खरीदे गए थे। इटली में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि वहां की सरकार रक्षा सौदों में अबतक के सबसे बड़े भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। इसके तहत उन आरोपों की भी जांच की जा रही है, जिसमें भारतीय सौदे में 350 करोड़ रुपये से अधिक की दलाली दिए जाने का आरोप है। प्रवक्ता ने कहा कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के करार में अनुचित रसूख के इस्तेमाल और एजेंटों की नियुक्ति तथा दलाली के खिलाफ मानक प्रावधान शामिल किए गए थे।
प्रवक्ता ने कहा, "अगस्टा वेस्टलैंड और रक्षा मंत्रालय के बीच हुए इस करार से पहले ईमानदारी समझौते पर भी हस्ताक्षर हुआ था।" प्रवक्ता ने आगे कहा, "प्राप्त हुई इस तरह की किसी भी शिकायत या आरोप की जांच की जाएगी और यदि कोई अनियमितता सामने आई, तो करार के प्रावधानों को लागू किया जाएगा और कानून के तहत अन्य उचित कार्रवाई की जाएगी।"
एंटनी ने इस वर्ष फरवरी में भी रोम स्थित भारतीय दूतावास से उस समय एक रिपोर्ट मांगी थी, जब मीडिया खबरों में यह बात सामने आई थी कि इटली के लोकपाल द्वारा अगस्टा वेस्टलैंड की मातृ कम्पनी, फिनमेक्कै निका की कथित भ्रष्टाचार के लिए जांच की जा रही है। उस समय रपट में कहा गया था कि इटली के लोकपाल वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के सौदे की भी जांच कर रहे हैं। यह सौदा फरवरी, 2010 में उस समय हुआ था, जब भारत ने अमेरिकी सिकोरस्की एस-92 के बदले अगस्टा वेस्टलैंड के एडब्ल्यू-101 हेलीकॉप्टर को चुना था।
ये हेलीकॉप्टर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित, भारतीय नेतृत्व को आरामदायक, और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए खरीदे गए थे। इटली में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि वहां की सरकार रक्षा सौदों में अबतक के सबसे बड़े भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। इसके तहत उन आरोपों की भी जांच की जा रही है, जिसमें भारतीय सौदे में 350 करोड़ रुपये से अधिक की दलाली दिए जाने का आरोप है। प्रवक्ता ने कहा कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के करार में अनुचित रसूख के इस्तेमाल और एजेंटों की नियुक्ति तथा दलाली के खिलाफ मानक प्रावधान शामिल किए गए थे।
प्रवक्ता ने कहा, "अगस्टा वेस्टलैंड और रक्षा मंत्रालय के बीच हुए इस करार से पहले ईमानदारी समझौते पर भी हस्ताक्षर हुआ था।" प्रवक्ता ने आगे कहा, "प्राप्त हुई इस तरह की किसी भी शिकायत या आरोप की जांच की जाएगी और यदि कोई अनियमितता सामने आई, तो करार के प्रावधानों को लागू किया जाएगा और कानून के तहत अन्य उचित कार्रवाई की जाएगी।"
एंटनी ने इस वर्ष फरवरी में भी रोम स्थित भारतीय दूतावास से उस समय एक रिपोर्ट मांगी थी, जब मीडिया खबरों में यह बात सामने आई थी कि इटली के लोकपाल द्वारा अगस्टा वेस्टलैंड की मातृ कम्पनी, फिनमेक्कै निका की कथित भ्रष्टाचार के लिए जांच की जा रही है। उस समय रपट में कहा गया था कि इटली के लोकपाल वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के सौदे की भी जांच कर रहे हैं। यह सौदा फरवरी, 2010 में उस समय हुआ था, जब भारत ने अमेरिकी सिकोरस्की एस-92 के बदले अगस्टा वेस्टलैंड के एडब्ल्यू-101 हेलीकॉप्टर को चुना था।
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