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This Article is From Dec 09, 2014

आगरा में धर्मांतरण करने वाले परिवारों का आरोप, लालच और डराकर बदलवाया गया धर्म

आगरा में धर्मांतरण करने वाले परिवारों का आरोप, लालच और डराकर बदलवाया गया धर्म
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के आगरा में सोमवार को 57 मुस्लिम परिवारों के करीब 250 सदस्यों को हिंदू बनाए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों का आरोप है कि उन्हें लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया। पुलिस का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज कराए जाने पर वह आगे की कार्रवाई करेगी।

आगरा के देवी रोड इलाके में सोमवार को धर्मांतरण कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस) के धर्म जागरण समन्वय विभाग और बजरंग दल के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम को 'पुरखों की घर वापसी' का नाम दिया गया था।

धर्मांतरण कार्यक्रम में जबरन धर्म परिवर्तन की शिकार मुनीरा ने बताया कि बीपीएल कार्ड बनवाने और जमीन का एक-एक प्लॉट देने का लालच देकर कहा गया कि 'चलो, सिर्फ फोटो खिंचवाना है।'

मुनीरा ने कहा, 'हमें जहां लाया गया, वहां हवन चल रहा था। हमें हवन-कुंड के पास बैठाया गया। हम लोग डर गए थे। हमें काली माता की मूर्ति के सामने ले जाया गया और पूजा करने को कहा गया। डर के मारे हमने वैसा ही किया, लेकिन आज हम लोग फिर कुरान शरीफ पढ़ रहे हैं और परिवार के लोगों ने नमाज भी अदा की।'

आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने कहा कि अभी तक इस घटना के संदर्भ में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है। शिकायत आने पर पुलिस कार्रवाई करेगी।

बजरंग दल ने हालांकि अपने ऊपर लग रहे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। ब्रज प्रांत के सह प्रांत संयोजक अज्जू चौहान ने आईएएनएस से कहा, 'यह धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि 57 परिवारों के लोगों की घर वापसी हुई है। हिंदू धर्म अपनाने वाले ये लोग काफी गरीब तबके से आते हैं। उन्हें बरगलाया जा रहा है। वे डरे और सहमे हुए हैं। उनको किसी भी तरह का लालच नहीं दिया गया था।'

बजरंग दल के सदस्यों का कहना है कि ये वे लोग हैं, जिन्हें वर्षो पहले लालच देकर मुस्लिम बनने पर मजबूर किया गया था। जिन लोगों ने हिंदू धर्म अपनाया है, वे सभी वाल्मीकि समाज से ताल्लुक रखते हैं।

इस घटना पर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि धर्मांतरण मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और एक बार तथ्य सामने आ जाने के बाद इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वहीं आरएसएस की राजनीतिक शाखा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजेपयी ने कहा कि अगर जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है तो गलत है। लेकिन अगर किसी ने स्वेच्छा से धर्म बदला है तो इससे किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

इस बीच आरएसएस के एक नेता ने कहा कि उनके संगठन का धर्मांतरण अभियान जारी रहेगा। हिंदू धर्म छोड़कर दूसरे धर्म अपनाने वाले और भी लोगों को वापस लाने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि संगठन को उम्मीद है कि आने वाले क्रिसमस के मौके पर अलीगढ़ में 5000 हजार से ज्यादा मुस्लिम और ईसाई दोबारा हिंदू धर्म अपना लेंगे। इसके लिए अलीगढ़ के महेश्वरी कॉलेज में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

गौरतलब है कि देश की बदली हुई सत्ता और राजनीतिक परिदृश्य को अपने अनुकूल पाकर आरएसएस और बजरंग दल अपना 'धर्म' निभाने में पूरे मनोयोग से जुट गए हैं।

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