नई दिल्ली:
व्यापमं घोटाले में अब 36वीं मौत का खुलासा हुआ है। दरअसल, इस मामले में गवाह बने सिपाही संजय यादव की दो महीने पहले मौत हो गई थी। यह जानकारी एसटीएफ ने कोर्ट में दी है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के रहने वाले 36 वर्षीय संजय यादव पर यह आरोप था कि उन्होंने पुलिस अकादमी से तीन सिपाहियों को भगाने में मदद की थी।
मंगलवार को इस घोटाले की जांच कर रही टीम की निगरानी करने वाले जस्टिस चंद्रेश भूषण ने एनडीटीवी से कहा था कि इस घोटाले से जुड़ीं मौतों की संख्या असामान्य है, लेकिन उन्होंने कहा कि घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ को कोई ऐसी वजह नहीं मिली है, जिससे यह साबित हो कि 2012 से जिन लोगों की मौतें हुई हैं, उनकी मौतें इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश से जुड़ी हुई हैं, जैसा कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस का आरोप है।
इस घोटाले के सिलसिले में साल 2013 से अब तक करीब दो हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बहुचर्चित घोटाले में हजारों लोगों ने कथित तौर पर घूस देकर नौकरियां हासिल की थीं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के रहने वाले 36 वर्षीय संजय यादव पर यह आरोप था कि उन्होंने पुलिस अकादमी से तीन सिपाहियों को भगाने में मदद की थी।
मंगलवार को इस घोटाले की जांच कर रही टीम की निगरानी करने वाले जस्टिस चंद्रेश भूषण ने एनडीटीवी से कहा था कि इस घोटाले से जुड़ीं मौतों की संख्या असामान्य है, लेकिन उन्होंने कहा कि घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ को कोई ऐसी वजह नहीं मिली है, जिससे यह साबित हो कि 2012 से जिन लोगों की मौतें हुई हैं, उनकी मौतें इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश से जुड़ी हुई हैं, जैसा कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस का आरोप है।
इस घोटाले के सिलसिले में साल 2013 से अब तक करीब दो हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बहुचर्चित घोटाले में हजारों लोगों ने कथित तौर पर घूस देकर नौकरियां हासिल की थीं।
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