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This Article is From Nov 27, 2016

नोटबंदी के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस, भारत बंद नहीं : जयराम रमेश

नोटबंदी के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस, भारत बंद नहीं : जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पीएम मोदी 'धमाका' राजनीति में भरोसा रखते हैं : रमेश
'9 नवंबर से आर्थिक गतिविधियां ठहर गई हैं'
'यह राजनीतिक कदम, जिसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के रूप में बेचा जा रहा'
नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को साफ किया कि उसने सोमवार को 'भारत बंद' का आह्वान नहीं किया है, लेकिन नोटबंदी के मुद्दे पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला राजनीतिक कदम है, जिसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के रूप में भुनाया जा रहा है.

पार्टी नेता जयराम रमेश ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'धमाका' राजनीति में भरोसा रखते हैं और बड़े नोटों को बंद करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि उन्हें उत्तर प्रदेश में कुछ 'संभावनाएं' दिखाई दीं, जहां अगले साल चुनाव होने हैं.

रमेश ने दावा किया कि विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने के प्रधानमंत्री के बड़े चुनावी वादे को पूरा करने में सरकार की नाकामी को ढकने के लिए 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद किया गया था और मोदी कुछ 'नाटकीय' करना चाहते थे.

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'यह एक राजनीतिक कदम है, जिसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के रूप में बेचा जा रहा है.' रमेश ने कहा कि अवैध तरीकों से धन जमा करने वाले लोगों को परेशानी नहीं हो रही है, लेकिन उन लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिनके पास कालाधन नहीं है.

रमेश ने कहा, 'दुर्भाग्य से जिन लोगों पर हमले की जरूरत थी, वे बचकर निकल गए.' रमेश के मुताबिक 'सूट-बूट' वाले लोगों का एक वर्ग अब भी विलासिता की जिंदगी जी रहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने दावा किया कि भाजपा यह गलत जानकारी फैला रही है कि कांग्रेस और अन्य दलों ने 'भारत बंद' का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल सोमवार को 'जन आक्रोश दिवस' मनाएंगे और देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे. मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए रमेश ने कहा कि 9 नवंबर से आर्थिक गतिविधियां ठहर गई हैं.

संसद में विपक्ष की रणनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री चर्चा में हिस्सा लेते हैं, तो चर्चा होगी. उन्होंने नए नोट लाने में सरकार की तैयारी पर भी सवाल उठाया और कहा कि अनुमान के मुताबिक नये नोटों की छपाई में और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में 250 दिन लग सकते हैं.

रमेश ने 'कैशलेस' या 'लेसकैश' समाज के प्रधानमंत्री के आह्वान की भी आलोचना करते हुए कहा कि भारत में बड़ी संख्या में लोग दैनिक लेनदेन में नकदी का इस्तेमाल करते हैं.

जब रमेश से पूछा गया कि कांग्रेस की सहयोगी जेडीयू के नेता नीतीश कुमार नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन के समर्थन में क्यों नहीं हैं, तो उन्होंने कहा कि जेडीयू नेता शरद यादव इसका समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के विचार के पीछे पुणे का जो संगठन है, उसने भी कहा है कि जिस तरीके से इसे लागू किया जा रहा है, उस तरह का सुझाव उनका नहीं था.

कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी इस कदम के मकसद के खिलाफ नहीं है और कालेधन तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ कदमों का समर्थन करेगी, लेकिन हालात की हकीकत अलग है. उन्होंने कहा कि देश में केवल दो प्रतिशत लोग नकदीरहित लेनदेन करते हैं, देश को पूरी तरह कैशलैस बनाने में थोड़ा समय लगेगा.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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