Farm Laws: 'यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी UPA के शासन के दौरान किसानों को लेकर कांग्रेस की नीतियों (Congress policy) को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.' यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा (Bhupinder SIngh Hooda) ने मंगलवार को कही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा किसानों का समर्थन किया था, इसकी नीति न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर थीं लेकिन इसे एनडीए सरकार के नए किसान कानून में कोई स्थान नहीं दिया गया है. कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आहूत ‘भारत बंद' (Bharat Bandh) को सफल करार देते हुए मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून (Farm Laws) तत्काल वापस लेने चाहिए और कृषि संबंधी सुधारों पर चर्चा के लिए संसद का सत्र बुलाना चाहिए.
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हुड्डा ने दावा किया कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार जनता का समर्थन और विधानसभा के भीतर बहुमत गवां चुकी है और अब वहां विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए. हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विधानसभा का विशेष सत्र होने पर पहले दिन ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.''किसान संगठनों के ‘भारत बंद' के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘समाज के सभी तबकों और संगठनों का समर्थन मिला है जिससे साबित होता है कि यह ‘भारत बंद' सफल रहा है.''उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसान आज इस स्थिति में दिल्ली के निकट बैठे हैं तो इसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है. कोई सरकार किसानों को दिल्ली आने से कैसे रोक सकती है और कैसे ठंड में पानी की बौछार कर सकती है? हरियाणा सरकार के कई मंत्रियों ने भी किसानों का अपमान किया.''
हरियाणा के पूर्व सीएम ने दावा किया कि इन कानूनों के अमल में आने से रोजमर्रा की जरूरत की सब्जियों और अनाज की जमाखोरी बढ़ेगी.उन्होंने कहा, ‘‘इन कानूनों में किसी सुधार का कोई संकेत नहीं मिलता, इसलिए सरकार को इन्हें वापस लेना चाहिए. आप तत्काल संसद का सत्र बुलाकर चर्चा करें कि क्या सुधार लाना चाहते हैं. राज्यों से, संबंधित पक्षों से बात करनी चाहिए. अगर वो किसानों के हित में होगा तो हम उसका स्वागत करेंगे.''हुड्डा ने कहा, ‘‘कांग्रेस के घोषणापत्र में एपीएमसी का उल्लेख होने को लेकर भाजपा की ओर से तथ्यों को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है. हमने मंडियों के विस्तार की बात की थी और यह किसानों के हित में था.'' (भाषा से भी इनपुट)
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