कांग्रेस ने कहा है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा प्राप्त करने के लिए वह सभी औपचारिकताओं को पूरा करेगी। संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है, लेकिन विपक्ष के नेता पद के बारे में स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा अपने निवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ किए गए विचार-विमर्श के बाद पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, हम सभी औपचारिकताएं पूरी करने को तैयार हैं। आजाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद लोकपाल सहित अनेक उच्च पदों के चयन के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा, हम पार्टी के प्रतिनिधि के लिए महज एक पद की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि अनेक उच्च पदों के लिए चयन की प्रक्रिया में यह एक संवैधानिक आवश्यकता है। इसके अलावा इससे संबंधित 1977 का कानून यह नहीं बताता है कि इस पद को हासिल करने के लिए किसी पार्टी के लिए उसके सदस्यों की संख्या कितनी होनी चाहिए।
आजाद की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऐसे समय आई है जब पार्टी के एक वर्ग की राय है कि अगर मांग ठुकरा दी जाती है, तो पार्टी को अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अलग बातचीत में नाम न बताने की शर्त पर कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद कांग्रेस का अधिकार है, क्योंकि वह सबसे बड़ा दल है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, सुशील कुमार शिंदे, लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और उप नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा में पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद और उप नेता आंनद शर्मा से चर्चा की, जबकि राहुल गांधी ने अपने 12, तुगलक लेन निवास पर अलग से कई महासचिवों से मुलाकात की।
पार्टी द्वारा उच्च-स्तरीय बैठक में संसद के अंदर अपनाई जाने वाली रणनीति पर चर्चा किए जाने के बाद आजाद ने यह संकेत दिया कि विपक्ष जो मुद्दे उठाएगा, उनमें महंगाई का मुद्दा प्रमुख होगा, क्योंकि मोदी सरकार यूपीए शासनकाल के दौरान मंहगाई को मुद्दा बनाकर ही सत्ता में आई है। उन्होंने कहा कि मोदी और भाजपा 100 के नीचे रहती, अगर उन्होंने मंहगाई के मुद्दे पर जनता की भावनाओं से नहीं खेला होता।
आजाद ने कहा कि हम रचनात्मक और आक्रामक दोनों भूमिका में होंगे और यह जनता के हित को ध्यान में रखकर होगा। अगर जनता से किया गया कोई वादा पूरा नहीं किया जाता है, तो निश्चित रूप से हम आक्रामक होंगे। राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले नेताओं में कांग्रेस महासचिव और हरियाणा, दिल्ली और पंजाब के प्रभारी शकील अहमद, पश्चिम बंगाल, बिहार और असम मामलों के प्रभारी सीपी जोशी और महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश के प्रभारी मोहन प्रकाश शामिल थे।
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