इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है. उन पर कांग्रेस की ओर से विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह को अयोग्य ठहराने की याचिका को लटकाए रखने का आरोप लगाया गया है. आपको बता दें कि अदिति सिंह और राकेश सिंह रायबरेली से कांग्रेस के विधायक हैं. इन दोनों ने हाल ही में पार्टी के खिलाफ बगावत का झंडा उठा रखा है. कई मुद्दों पर पार्टी के रुख के खिलाफ बयानबाजी की है और व्हिप का भी उल्लंघन किया है. जिससे कांग्रेस की ओर से उनको अयोग्य ठहराने की याचिका दी गई है. जस्टिस दिनेश कुमार सिंह और पंकज कुमार जयसवाल की बेंच ने विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह को भी अलग-अलग नोटिस जारी किया है. इस मामले को हाईकोर्ट तक कांग्रेस की विधायक आराधना मिक्षा ने पहुंचाया है जो कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी की बेटी हैं. फिलहाल बेंच ने मामले की सुनवाई 14 जुलाई को तय की है. साल 2017 में हुए चुनाव अदिति सिंह रायबरेली सदर और राकेश सिंह हरचंदपुर सीट से चुने गए हैं.
बात करें राकेश सिंह की तो उन पर विधानसभा में कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव 2019 में राकेश सिंह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस की प्रत्याशी सोनिया गांधी के लिए काम करने के बजाए बीजेपी प्रत्याशी को जिताने में लगे थे. गौरतलब है कि बीजेपी प्रत्याशी दिनेश सिंह, राकेश के सगे भाई हैं.
आराधना मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष के पास राकेश सिंह को अयोग्य ठहराने की याचिका 31 मई 2019 को दी गई थी. कांग्रेस नेता की ओर से वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में विधानसभा अध्यक्षों को तीन महीने के अंदर मामले को निपटाने की समय सीमा की है. वहीं अदिति सिंह के मामले में दी गई याचिका में कहा याा है कि उन्होंने 2 अक्टूबर 2019 को पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लिया था. याचिका में कहा गया है कि अदिति सिंह को अयोग्य ठहराने का मुद्दा 26 नवंबर 2019 से लटका हुआ है. इन दोनों विधायकों को मिलाकर यूपी विधानसभा में कांग्रेस के पास 7 विधायक हैं.
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