देशभर में NEET-JEE की प्रवेश परीक्षाओं का विरोध हो रहा है. विपक्षी दलों की मांग है कि कोरोना (Coronavirus) संकट को देखते हुए परीक्षाओं को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए. केंद्र सरकार पर आरोप लग रहा है कि वह परीक्षा कराने पर अड़ी है. दूसरी ओर एक वर्ग परीक्षा कराने के पक्ष में भी है. बुधवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मुद्दे पर ऑनलाइन मीटिंग की. जिसके बाद कांग्रेस (Congress) की ओर से घोषणा की गई कि शुक्रवार को परीक्षा के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किया जाएगा.
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) ने एक बयान जारी कर कहा, 'परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ कांग्रेस शुक्रवार 11 बजे सभी राज्यों के सभी जिलों में सरकारी दफ्तरों और जिला मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेगी. पार्टी कार्यकर्ता कोरोना काल में परीक्षा कराए जाने का विरोध करेंगे.'
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कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि इन परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से 28 अगस्त को ही ‘स्पीक अप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी' हैशटैग से सोशल मीडिया में कैंपेन चलाया जाएगा. केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि कोरोना संकट के बीच इन परीक्षाओं का आयोजन कराने का फैसला तानाशाहीपूर्ण है और इससे बच्चों की सेहत को खतरा पैदा होगा.
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कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने भी आरोप लगाया कि इन परीक्षाओं के आयोजन से 25 लाख छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है. उन्होंने ट्वीट किया, 'देशभर में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिद्दी मोदी सरकार उनकी शिकायतों को सुनने, उन पर विचार करने और सभी के लिए स्वीकार्य समाधान खोजने से इनकार क्यों कर रही है?'
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