
जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ से निपटने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे कांग्रेस के मंत्री शामलाल शर्मा ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा से पहले उमर अब्दुल्ला के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।
दिहाड़ी मजदूरों को नियमित करने से जुड़ी कथित गड़बड़ी को अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री ने शुक्रवार रात जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।
शर्मा ने बताया, मैंने अपना इस्तीफा प्रोफेसर सैफुद्दीन सोज को सौंप दिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री शहर से बाहर हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता एवं वित्त मंत्री अब्दुल रहीन राठेर पर राज्य के दिहाड़ी मजदूरों को नियमित करने में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए शर्मा ने कहा, वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राठेर ने जानबूझकर देरी करने वाले तौर-तरीके अपनाए।
शर्मा ने कहा, बड़ी संख्या में अनियमित श्रमिकों को वर्ष 2009 से न्याय नहीं मिल रहा। मंत्रिमंडल की उपसमिति का गठन सभी वर्गों के कर्मचारियों और मजदूरों की मुश्किलों पर गौर करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि 'जम्मू कार्ड' खेलने की कोशिश में नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंत्री इस कदम को बाधित कर रहे हैं, क्योंकि ज्यादा दिहाड़ी मजदूर जम्मू क्षेत्र से हैं।
बहरहाल, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस आरोप को खारिज करते हुए इसे राज्य के चुनावों से पहले का राजनैतिक करतब बताया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू प्रांत के अध्यक्ष देविंदर सिंह राणा ने कहा, यह एक राजनैतिक करतब है और इस कदम का ज्यादा संबंध कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी स्थिति के साथ है। राणा ने संकेत दिए कि शर्मा कांग्रेस छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, ऐसी संभावना है कि वे कुछ अन्य राजनैतिक महत्वाकांक्षाएं पाल रहे हों।
अखनूर के विधायक शर्मा को हाल ही में अपनी ही पार्टी के मंत्री ताज मोहिउद्दीन की आलोचना का सामना करना पड़ा था। शर्मा ने कहा है कि वह कांग्रेस में ही रहेंगे। उन्होंने कहा, मैंने सिर्फ सरकार से इस्तीफा दिया है, कांग्रेस पार्टी से नहीं। मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता था और रहूंगा।
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