लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ब्राह्मणों के बारे में दिये गये एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं और विपक्षी दलों ने इसे ‘जातिवादी टिप्पणी' करार दिया है. बिरला ने ब्राह्मणों का समाज में ऊंचा स्थान बताया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यही ‘वह मानसिकता है जो जाति के आधार पर बंटे असमान भारत को बढ़ावा देती है.' गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भी इस बयान की निंदा की और लोकसभा अध्यक्ष से माफी मांगने को कहा. बिरला ने रविवार को कोटा में ‘ब्राह्मण महासभा' के एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ट्वीट किया था, ‘‘समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है. यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है. यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है.''
समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है। यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है। यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है। pic.twitter.com/ZKcMYhhBt8
— Om Birla (@ombirlakota) September 8, 2019
बिरला की इस टिप्पणी की राजनीतिक दलों ने आलोचना की है. इसके अलावा ‘पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज' (पीयूसीएल) ने भी अध्यक्ष की टिप्पणी की निंदा की और कहा कि वह राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से इस संबंध में शिकायत करेगा. सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘ओम बिरला: लोकसभा अध्यक्ष ने कहा : ‘ब्राह्मण जन्म से ही उच्च समझे जाते हैं'. यही मानसिकता जाति के आधार पर बंटे असमान भारत को बढ़ावा देती है. बिरला जी, हम आपका सम्मान इसलिए नहीं करते, क्योंकि आप ब्राह्मण हैं बल्कि इसलिए करते हैं क्योंकि आप लोकसभा अध्यक्ष है.'' कांग्रेस से सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को इस प्रकार की ‘‘जातिगत टिप्पणी'' करना शोभा नहीं देता. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह भाजपा के हिंदुत्व का असल चेहरा है.
Om Birla : Speaker Lok Sabha said :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) September 11, 2019
“ Brahmins are held in high regard by virtue of birth “
It is this mindset that caters to a caste ridden unequal India
We respect you Birlaji not because you are a Brahmin but because you are our Speaker in Lok Sabha
जाति के आधार पर वर्गीकरण.'' ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन आवैसी ने कहा कि संविधान सभी के लिए न्याय, समानता एवं बंधुत्व का वादा करता है. उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि बाबा साहेब (आम्बेडकर) ने कहा था, जब तक अन्य मनुष्यों के साथ बंधुत्व और सम्मान की भावना नहीं होगी, ‘आजादी कुछ लोगों का कई लोगों पर प्रभुत्व उत्पन्न करेगी'. हम ऐसे भारत में नहीं रह सकते, जहां एक जाति दूसरी जाति से ऊंची हो.'' मेवाणी ने मांग की कि इस ‘‘निंदनीय'' टिप्पणी को लेकर बिरला माफी मांगे. राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बिरला के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘केवल मनुष्य श्रेष्ठ है.''
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नागरिक अधिकार संगठन पीयूसीएल ने भी कहा, ‘‘संगठन इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करता है और लोकसभा अध्यक्ष से यह बयान वापस लेने की मांग करता है.' पीयूसीएल ने यहां एक विज्ञप्ति में कहा है, ‘‘हम इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं. एक तो, किसी भी समाज का वर्चस्व स्थापित करना या एक समाज को अन्य समाजों के ऊपर घोषित करना संविधान के अनुच्छेद 14 के विरुद्ध है. यह एक तरीके से अन्य जातियों को हीन दृष्टि की भावना देता है और जातिवाद को बढ़ावा देता है.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं