विज्ञापन
This Article is From Jan 24, 2017

'अब बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में नहीं उभर सकती कांग्रेस'

'अब बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में नहीं उभर सकती कांग्रेस'
कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी (फाइल फोटो)
कोलकाता: इतिहासकार व लेखक रामचंद्र गुहा का मानना है कि अब कांग्रेस को एक प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उसके स्वर्णिम काल जैसा पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है. यह जरूर है कि उसके पतन को कुछ वर्षों के लिए रोका जा सकता है. नेताजी व्याख्यानमाला 2017 में अपना उद्गार व्यक्त करते हुए लेखक रामचंद्र गुहा ने ये बातें सोमवार को कहीं. 'नेताजी रिसर्च ब्यूरो' में 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की लंबी आयु और उसकी धीरे-धीरे मौत' विषय पर 58 वर्षीय इतिहासकार एवं लेखक ने मजाकिया अंदाज में कहा कि 231 साल पुरानी पार्टी के कायाकल्प नहीं होने को लेकर वह अपने स्मार्ट फोन को भी दांव पर लगाने को तैयार हैं.

श्रोताओं ने उनसे इस चलन के बारे में पूछा कि जब कभी सत्ता विरोधी लहर में गैर कांग्रेसी सरकारें फंसती हैं तो भारतीय मतदाताओं की प्रवृत्ति है कि वे पुरानी पार्टी कांग्रेस की ओर मुखातिब होते हैं. इस पर गुहा ने कहा, "मेरा मानना है कि हम उस अवस्था को पार कर चुके हैं." बेंगलुरु निवासी गुहा के अनुसार, अब किसी को यह विचार मन में नहीं रखना चाहिए कि कांग्रेस 2019 में या फिर 2024 में भी नरेंद्र मोदी सरकार की जगह लेने जा रही है.

क्रांतिकारी नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 120वीं जयंती पर अपना भाषण देते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस के पास अब 44 सांसद हैं. अगर वह मजबूत होती है तो उसकी संख्या कितनी बढ़ सकती है? 100..200? " जवाहरलाल नेहरू के कट्टर प्रशंसक गुहा महसूस करते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उम्रदराज और अस्वस्थ हैं. उन्होंने कहा, "वह अब 70 साल की हो गई हैं."

बहुमुखी प्रतिभा के धनी गुहा ने एक राष्ट्रीय नेता के रूप में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भविष्य को भी खारिज कर दिया. अतीत में राहुल गांधी को राजनीति से अवकाश लेने की वकालत करने वाले गुहा ने कहा, "वह (गांधी) परिवार के पहले सदस्य हैं जिन्हें पार्टी का एक बड़ा वर्ग पसंद नहीं करता है." लेकिन, पद्मभूषण से सम्मानित गुहा ने उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ कांग्रेस के गठबंधन की ओर इशारा भी किया.

उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने खुद अपनी स्थिति को समझ लिया है. इसीलिए वह क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर रही है. इस तरह के संगठनों के कनिष्ठ भागीदार के रूप में वह कुछ दिनों तक जीवित रह सकती है." महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू पर विशेषज्ञता रखने वाले गुहा ने अपने भाषण के दौरान 1885 में कांग्रेस के जन्म से लेकर आज तक उसकी यात्रा के विभिन्न चरणों को चिन्हित किया और इसका विश्लेषण किया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com