ड्यूटी फ्री सामानों में कटौती के पक्ष में वाणिज्‍य मंत्रालय, निजी एयरपोर्ट ऑपरेटरों की अधिक अलाउंस की मांग

नए बजट में सरकार का इरादा एयरपोर्ट पर मिलने वाली ड्यूटी फ्री शराब की मात्रा कम करने का है. बताया जा रहा है कि वाणिज्य मंत्रालय ने ऐसी सिफ़ारिश की है. लेकिन इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है.

ड्यूटी फ्री सामानों में कटौती के पक्ष में वाणिज्‍य मंत्रालय, निजी एयरपोर्ट ऑपरेटरों की अधिक अलाउंस की मांग

फिलहाल देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आप ड्यूटी फ्री शॉप से शराब की दो बोतलें खरीद सकते हैं

नई दिल्ली:

नए बजट में सरकार का इरादा एयरपोर्ट पर मिलने वाली ड्यूटी फ्री शराब की मात्रा कम करने का है. बताया जा रहा है कि वाणिज्य मंत्रालय ने ऐसी सिफ़ारिश की है. लेकिन इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है. फिलहाल देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आप ड्यूटी फ्री शॉप से शराब की दो बोतलें खरीद सकते हैं. लेकिन अगर वित्त मंत्री ने वाणिज्य मंत्रालय की सिफ़ारिश मान ली तो आप बस एक ही बोतल खरीदने के हकदार होंगे.

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अर्थशास्‍त्री वेद जैन कहत हैं, 'सोच ये है कि महंगी आयातित शराब की बोतल अगर कोई खरीदना चाहता है तो वो आम शराब की दुकानों से खरीदे. इससे सरकार को इंपोर्ट ड्यूटी और एक्‍साइज ड्यूटी से कमाई होगी, डॉलर भी कुछ बचेगा.' लेकिन प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर्स इस सिफ़ारिश से नाख़ुश हैं. प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर संघ के महासचिव सत्येन नायर ने एनडीटीवी से कहा - उन्होंने वित्त मंत्री को दिए मेमोरेंडम में लीकर अलाउंस बढ़ाने की मांग की है. 

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इसे दो लीटर से बढ़ा कर 4 लीटर करने की मांग है. लीकर अलाउंस घटने से ऑपरेटर्स की कमाई घटेगी. भारत में पर्यटन की संभावनाओं पर भी असर पड़ेगा. कई पड़ोसी देशों और एशिया-प्रशांत देशों में लीकर अलाउंस और ज़्यादा है. अर्थशास्त्री वेद जैन कहते हैं - ड्यूटी फ्री दुकानों से एयरपोर्ट ऑपरेटरों की काफी कमाई होती है, और ऐसे में अगर ड्यूटी फ्री कोटा घटाया जाता है तो इससे उनकी कमाई पर काफी असर पड़ेगा.

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साफ है, ये विवाद ऐसे समय पर खड़ा हुआ है जब वित्त मंत्री 1 फरवरी को बजट पेश करने की तैयारी कर रही हैं. एक तरफ जहां उनपर वाणिज्य मंत्रालय का दबाव है कि ड्यूटी फ्री कोटे को कम किया जाए, वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर दबाव बढ़ा रहे हैं कि लिकर अलाउंस बढ़ाया जाए. देखना महत्वपूर्ण होगा कि वित्त मंत्री इस विवाद को सुलझाने के लिए आगे क्या फैसला करती हैं.