कोयला घोटाले की जांच में लगी सीबीआई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जांच से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट को पेश करेगी। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट में सीबीआई हाल ही में उद्योगपति कुमारमंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर के संबंध में कोर्ट को सूचित करेगी। इसी एफआईआर में किसी सक्षम अधिकारी की बात कही गई है।
कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में सीबीआई कोर्ट को पूरे कोयला घोटाले के संबंध में 18 अक्टूबर की गई जांच के बारे में पूर्ण जानकारी भी देगी।
पिछले हफ्ते दायर की गई एफआईआर में सीबीआई ने कहा कि 2005 में ओड़िशा में दो कोयला खदानों का आवंटन गैर-कानूनी था। सीबीआई की रिपोर्ट कहती है कि पारेख ने बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को यह खदान आवंटित की। एफआईआर यह भी कहती है कि पारेख के निर्णय को 'सक्षम अधिकारी' ने पुष्टि की।
एफआईआर में नाम आने के बाद पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख ने कहा कि सक्षम अधिकारी प्रधानमंत्री ही हैं। उनका कहना है कि पूरे प्रकरण में सक्षम अधिकारी कोयला मंत्री होता है और घोटाले के समय प्रधानमंत्री के यह मंत्रालय था और वह बतौर कोयला मंत्री काम कर रहे थे।
अपने एक वक्तव्य में सीबीआई के सूत्रों ने कहा था कि इस पूरे मामले में पीएमओ को क्लीनचिट नहीं दी गई है।
मंगलवार की सीबीआई ने यह एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर के दर्ज होने के तुरंत बाद पूर्व कोयला सचिव पारेख और उद्योगपति बिड़ला ने आरोपों से साफ इनकार किया।
पारेख ने कहा कि कोयला मंत्री रहते हुए कोयला खदानों के आवंटन का अंतिम अधिकार प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का था। उन्होंने सीबीआई से प्रश्न किया कि आखिर क्यों एफआईआर में पीएम मनमोहन सिंह का नाम सह-साजिशकर्ता के रूप में नहीं है।
सीबीआई का कहना है कि आरंभिक पूछताछ में पारेख संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए थे और न ही उन्होंने इस मसले में पीएम का नाम आरोपित किया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं