नई दिल्ली:
कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को एक निजी कम्पनी के निदेशक मनोज जायसवाल से पूछताछ की और उनके भाई अरविंद जायसवाल से लगातार दूसरे दिन भी पूछताछ जारी रखी।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि मनोज जायसवाल को सोमवार को सम्मन भेजा गया था। वह नई दिल्ली स्थित जांच एजेंसी मुख्यालय में मंगलवार को शाम करीब छह बजे पहुंचे। उन्होंने कहा, 'मनोज के भाई अरविंद जायसवाल से सोमवार को यहां सीबीआई मुख्यालय में लगभग आठ घंटे पूछताछ की गई थी और उनसे मंगलवार को भी उनकी कम्पनी एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2008 में महाराष्ट्र में बांदर कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए कथितरूप से गलत प्रस्तुति व तथ्यों को छुपाने के लिए पूछताछ की जा रही है।'
मनोज जायसवाल कम्पनी के निदेशकों में से एक हैं और एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी में उनका नाम शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई कांग्रेस सांसद विजय दर्डा के पुत्र देवेंद्र दर्डा सहित कम्पनी के अन्य निदेशकों को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है। देवेंद्र भी मामले में एक आरोपी हैं।
उल्लेखनीय है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने हाल ही में एक रिपोर्ट में निजी कम्पनियों को हुए 142 कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के कारण सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये नुकसान का अनुमान लगाया था।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि मनोज जायसवाल को सोमवार को सम्मन भेजा गया था। वह नई दिल्ली स्थित जांच एजेंसी मुख्यालय में मंगलवार को शाम करीब छह बजे पहुंचे। उन्होंने कहा, 'मनोज के भाई अरविंद जायसवाल से सोमवार को यहां सीबीआई मुख्यालय में लगभग आठ घंटे पूछताछ की गई थी और उनसे मंगलवार को भी उनकी कम्पनी एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2008 में महाराष्ट्र में बांदर कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए कथितरूप से गलत प्रस्तुति व तथ्यों को छुपाने के लिए पूछताछ की जा रही है।'
मनोज जायसवाल कम्पनी के निदेशकों में से एक हैं और एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी में उनका नाम शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई कांग्रेस सांसद विजय दर्डा के पुत्र देवेंद्र दर्डा सहित कम्पनी के अन्य निदेशकों को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है। देवेंद्र भी मामले में एक आरोपी हैं।
उल्लेखनीय है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने हाल ही में एक रिपोर्ट में निजी कम्पनियों को हुए 142 कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के कारण सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये नुकसान का अनुमान लगाया था।
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