पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की चुनावों में व्यक्तिगत हार को दरकिनार कर भाजपा (BJP) ने उन्हें उत्तराखंड (Uttarakhand) का मुख्यमंत्री बनाना तय किया है. साथ ही प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) को उनके सहयोगी विश्वजीत राणे की महत्वाकांक्षाओं के बावजूद गोवा (Goa) की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस तरह भाजपा ने अपने चारों मुख्यमंत्रियों (BJP CM) को बनाए रखने पर दांव खेला है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का यह निर्णय आगामी बड़े फैसले का संकेत देता है.
धामी के शीर्ष पद को हरी झंडी दिखाना भाजपा की उत्तराखंड इकाई में विभाजन को रोकने की कोशिश के रूप में देख सकते हैं. साथ ही इसे स्थिरता के विचार के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें पिछले चार महीनों के दौरान राज्य ने तीन मुख्यमंत्रियों को देखा. राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 46 साल के हैं और अब उन्हें अगले छह महीनों के दौरान उपचुनाव जीतना होगा.
राजनाथ सिंह ने पुष्कर सिंह धामी के चुने जाने की घोषणा की.
उत्तराखंड में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों में से एक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धामी के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद संवाददाताओं से कहा, "छह महीने के दौरान धामी ने उत्तराखंड पर अपनी छाप छोड़ी है, जो चुनाव परिणामों में प्रकट हुई." उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक बार फिर धामी पर विश्वास जताया है क्योंकि वह अच्छी तरह जानते हैं कि सरकार कैसे चलाई जाती है, उन्होंने कहा कि सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से उनका समर्थन किया.
गोवा में भाजपा ने 11 दिन के सस्पेंस को समाप्त करते हुए प्रमोद सावंत को दूसरे कार्यकाल के लिए चुना है. साथ ही पार्टी ने राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की उम्मीदों को धराशायी कर दिया है, जिन्हें कई लोग इस दौड़ में सबसे आगे बता रहे थे. सूत्रों ने कहा कि भाजपा को 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में अपने दम पर 20 सीटें मिलीं, यह पूर्ण बहुमत से एक कम है. निर्दलीय विधायकों का महत्वपूर्ण समर्थन ही था, जिसके कारण निर्णय सावंत के पक्ष में हुआ.
गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की जगह प्रमोद सावंत (दाएं) को चुना गया. (फाइल)
सावंत को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे सहित कुछ प्रमुख लोगों के इस्तीफे के बावजूद सत्ता विरोधी लहर पर काबू पाने और पार्टी को जीत की ओर ले जाने के लिए पुरस्कृत किया गया है. उनके नेतृत्व में भाजपा ने 20 सीटें जीतकर अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. भाजपा ने साल 2012 में पर्रिकर के नेतृत्व में बहुमत हासिल किया था और पार्टी ने उस वक्त 21 सीटें जीती थीं. इन चुनाव परिणामों ने यह भी साबित कर दिया है कि मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा बीजेपी में खाली हुई जगह को प्रमोद सावंत भरने में सक्षम हैं.
पुष्कर सिंह धामी और प्रमोद सावंत को रविवार शाम को पीएम मोदी के आवास पर बैठक के बाद अंतिम हरी झंडी मिली थी.
प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली भाजपा ने सोमवार को गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश किया.
दो बार के विधायक धामी को भाजपा के वैचारिक जनक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का करीबी माना जाता है.
पार्टी के निर्णय बताते हैं कि कैसे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व जिसमें पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले युवाओं, निरंतरता और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता के पक्ष में निर्णय लिया है.
मणिपुर चुनाव परिणाम के 10 दिन बाद रविवार को एन बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री को लेकर हरी झंडी दी गई थी. सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही ऐसे थे, जिनका रास्ता निर्विरोध था. अब सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश में एक और फैसले पर टिकी होंगी. पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाने वाले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को इस बार अपनी सीट गंवाने के बावजूद मौका मिलेगा या नहीं.
देस की बात: पुष्कर सिंह धामी होंगे उत्तराखंड के नए सीएम, विधायक दल की बैठक में फैसला
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