कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर अपने हितों को साधने के लिए अर्कावती लेआउट के 700 एकड़ ज़मीन को डिनोटिफाई करने का आरोप लगाया है। राज्य के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सिद्धारमैया से पूछा है कि अगर सब कुछ ठीक था तो बीडीए (बेंगलुरु विकास प्राधिकरण) के दफ्तर को बाहर से ताला लगाकर अंदर दस्तावेज़ों के साथ छेड़छाड़ क्यों की जा रही थी।
दरअसल अर्कावती लेआउट घोटाले का मामला उठने के बाद बीडीए दफ्तर का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि दफ्तर को बाहर बंद कर अंदर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सफाई दी कि वह कोई गुप्त अभियान नहीं चलवा रहे हैं और न ही उन्होंने ज़मीन को डीनोटिफाई करने का आदेश दिया है। बीजेपी ने कर्नाटक के राज्यपाल श्री वजुभाईवाला को इसकी शिकायत भी की है।
दरअसल पूर्व की एसएम कृष्णा सरकार ने साल 2003 में उत्तरी बेंगलुरु में तक़रीबन चार हज़ार एकड़ के एक लेआउट की घोषणा की थी जिसका नाम अर्कावती रखा गया। मक़सद था लगभग 20,000 लोगों को मकान बनाने के लिए सस्ते दर पर ज़मीन देना।
पहली लिस्ट में लगभग 8,000 लोगों का नाम आया था, लेकिन विवादों ने इस तरह इस लेआउट को घेरा की मामला निचली अदालतों से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। अब तक किसी को भी प्लॉट नहीं मिला है और अब एक और नया विवाद उठ खड़ा हुआ है।
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