बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी नक्सलियों द्वारा लेवी वसूली को गलत नहीं मानते। उनका मानना है कि बंदूक का जवाब बंदूक के जरिये देने से नक्सल समस्या हल नहीं हो सकती।
आज एक संवाददाता सम्मलेन में उन्होंने घोषणा की कि अगर नक्सली पहल करेंगे तो उनके साथ वार्ता करने में उन्हें कोई हिचक नहीं। उन्होंने स्वीकार किया कि दो साल पहले कुछ नक्सली नेताओं से उनकी बातचीत हुई थी, जिसमें उनकी अधिकांश बातों से उनकी असहमति नहीं।
मांझी ने माना कि अफसर और ठेकेदार मिलकर विकास कार्यों में घालमेल करते हैं और ऐसे में नक्सली अगर उनसे विकास कार्यों के संपादन में लेवी वसूली करते हैं, तो उसमें गलत क्या है। इसके साथ उन्होंने माना कि भले उनके कैबिनेट के कुछ सहयोगियों ने ठेकेदारी में आरक्षण के फॉर्मूले को रोकने में कामयाबी पाई हो, लेकिन विधानसभा के अगले सत्र में वह इसे पास करने की पुरजोर कोशिश करेंगे।
इससे पहले मुंगेर में एक राजनीतिक सभा में रविवार को उन्होंने कहा था कि ठेकेदारी में आरक्षण के उनके प्रस्ताव का विरोध उनके मंत्रिमंडल के ही कुछ सहयोगी कर रहे हैं।
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