हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने फरवरी में जाट आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हुई आगजनी व हिंसक घटनाओं की न्यायिक जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला व निर्दलीय विधायक जयप्रकाश द्वारा लाये गए स्थगन प्रस्ताव पर लगभग तीन घंटे हुई चर्चा के बाद अपने जवाब के दौरान की।
विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला व निर्दलीय विधायक जयप्रकाश द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाया गया, जिस पर सदन में तीन घंटे तक चर्चा हुई। चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऐसा पहली बार देखने में आया है कि मांगों को माने जाने के बाद भी कुछ लोग जबरन हिंसक आंदोलन पर उतारू हुए। इसके पीछे कोई सोची समझी साजिश हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आंदोलन की आड़ में अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया गया। इस सिलसिले में 2084 मुकदमें दर्ज किए जा चुके है और 432 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सीएम ने कहा कि कुछ ऐसे सबूत भी सामने आएं हैं, जिससे पता लगता है कि इस उपद्रव के सूत्रधारों में कुछ राजनैतिक लोग भी हैं। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण विधेयक मौजूदा सत्र में लाया जायेगा। सरकार विधेयक के प्रारूप पर काम कर रही है। इसे लेकर कुछ संगठनों की चेतावनी के बाद अर्धसैनिक बलों की 62 कम्पनियां मंगाई गई हैं जिन्हें ऐतिहात के तौर पर संवेदनशील जिलों में तैनात किया गया है।
विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला व निर्दलीय विधायक जयप्रकाश द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाया गया, जिस पर सदन में तीन घंटे तक चर्चा हुई। चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऐसा पहली बार देखने में आया है कि मांगों को माने जाने के बाद भी कुछ लोग जबरन हिंसक आंदोलन पर उतारू हुए। इसके पीछे कोई सोची समझी साजिश हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आंदोलन की आड़ में अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया गया। इस सिलसिले में 2084 मुकदमें दर्ज किए जा चुके है और 432 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सीएम ने कहा कि कुछ ऐसे सबूत भी सामने आएं हैं, जिससे पता लगता है कि इस उपद्रव के सूत्रधारों में कुछ राजनैतिक लोग भी हैं। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण विधेयक मौजूदा सत्र में लाया जायेगा। सरकार विधेयक के प्रारूप पर काम कर रही है। इसे लेकर कुछ संगठनों की चेतावनी के बाद अर्धसैनिक बलों की 62 कम्पनियां मंगाई गई हैं जिन्हें ऐतिहात के तौर पर संवेदनशील जिलों में तैनात किया गया है।
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