
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद बहुत ही आक्रामक तरीके से मीडिया से बात की है. उन्होंने कहा किस हमने कल राज्यपाल से सत्र बुलाने की मांग की है लेकिन राज्यपाल की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. ऐसा लगता है कि उनके ऊपर कोई दबाव है. उन्होंने बताया, 'मैंने फिर उनसे टेलीफोन पर बात की है कि आपका एक संवैधानिक पद है उसकी गरिमा है..कृपा करके अपना फैसला करें'. सीएम गहलोत ने कहा कि वो विधानसभा शुरू करना चाहते हैं. पूरा देश- प्रदेश देखेगा, डिबेट होगी, और दूध का दूध पानी हो जाएगा. सीएम गहलोत ने कहा कि उनके पास स्पष्ट बहुमत है. इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि हमारे साथियों को बीजेपी की देखरेख में बंधक बनाए रखा गया है.राजस्थान में प्रदेश की जनता हमारे साथ है. इस समय कोरोना से जिंदगी बचाने की चुनौती है. हमने शानदार मैनेजमेंट किया है. पूरे देश में वाहवाही हो रही है...ऐसे माहौल में सरकार गिराने की साजिश हो रही है..
राजस्थान की सियासी जंग: HC के फैसले को आज ही SC में चुनौती देने की तैयारी में स्पीकर: सूत्र
सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है, छापे डलवा रही है. ऐसा नंगा नाच कभी नहीं देखा है. उन्होंने कहा, ' राज्यपाल जी ने शपथ ली है उसी हिसाब से काम करें नहीं तो राजस्थान की जनता आपका राजभवन को घेरने न आ जाए फिर हम कुछ नहीं कर पाएंगे'.
गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि 14 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिए गए नोटिस पर यथास्थिति बनाए रखी जाए औऱ अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद ही कोई फैसला सुनाया जाएगा. लेकिन इस इस फैसले में विधानसभा स्पीकर को मिले दल-बदल कानून के तहत मिले किसी भी अधिकार को कम नहीं किया किया गया है. एक तरह से कहा जा सकता है कि जहां सचिन पायलट को थोड़ी राहत मिली है वहीं सीएम गहलोत के पास अब सचिन पर भारी पड़ने के लिए पूरी तरह से रास्ते खुले हुए हैं.
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