दिल्ली का अपना प्रदूषण सुरक्षित लिमिट में है. पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण बढ़ रहा है, क्योंकि पड़ोसी राज्यों में किसान पराली जलाने को मजबूर हैं. इस वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने लगा है. दिल्ली में 25% से ज्यादा प्रदूषण कम हुआ है. बाहर से आने वाले प्रदूषण के साथ-साथ दिल्ली के प्रदूषण को और अधिक कम करना होगा. विंटर एक्शन प्लान दिल्ली में लागू कर चुके हैं. दिल्ली वालों से तीन गुजारिश हैं, पहली रेड लाइन ऑन गाड़ी ऑफ कैम्पेन का हिस्सा बनें. दूसरा, हफ्ते में एक बार प्राइवेट कार या स्कूटी/बाइक का इस्तेमाल न करें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें. तीसरा, ग्रीन दिल्ली ऐप डाउनलोड कर आसपास फैल रहे प्रदूषण की शिकायत करें.
गौरतलब है कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को ‘एडवांस्ड ग्रीन दिल्ली' ऐप और ‘ग्रीन रूम' लॉन्च किया. गोपाल राय ने बताया कि पिछले साल ग्रीन दिल्ली ऐप का केवल एंड्रॉयड वर्जन था, उसकी शिकायतों को दूर कर उसे ठीक किया गया है और अब इसे IOS पर भी लॉन्च किया गया है. 27 विभागों का यह ज्वाइंट प्लेटफार्म है. इसमें केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के भी विभाग हैं और नगर निगम भी है. इसमें 10 तरह के कम्प्लेन कर सकते हैं.
- आसपास के औद्योगिक इलाकों में प्रदूषण फैल रहा हो
- पार्क में पत्तियां या बायोमास जल रहे हों
- कहीं पर कूड़ा या प्लास्टिक वेस्ट जल रहा हो
- निर्माण कार्य में धूल प्रदूषण हो रहा हो
- C&D वेस्ट को कहीं खुले में फेंका गया हो
- खाली जमीन पर अगर कूड़ा फेंका गया हो या जलाया गया हो
- कोई वाहन ज्यादा प्रदूषण फैला रहा हो
- सड़क पर गड्ढे हों
- सड़क किनारे धूल प्रदूषण फैल रहा हो
- ध्वनिप्रदूषण हो रहा हो
ग्रीन रूम में काम कर रहे सभी लोगों को अलग से ट्रेनिंग दी गई है. पिछले साल इस पर 27 हजार कम्प्लेन आई थीं, जिनमें से 23 हजार रिजॉल्व हुईं. निगम, डीडीए और पीडब्लूडी की कम्प्लेन सबसे ज्यादा आई है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 13 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए थे, लेकिन ग्रीन ऐप के कारण अब तक 150 हॉटस्पॉट चिन्हित किए जा चुके हैं. 26 मॉनिटरिंग सेंटर दिल्ली में हैं, पराली कितनी कहां जल रही है उसे भी नासा की सहायता से मैप के जरिए मॉनिटर किया जा रहा है.
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