पटना:
बिहार बंद के दौरान पटना में बीजेपी और जेडीयू के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और दोनों तरफ से जमकर लात-घूंसे और लाठी-डंडे चले। दो दिन पहले तक दोस्ती का दम भर रही दोनों पार्टियां अब दुश्मन की तरह दिख रही हैं।
एनडीए से नीतीश कुमार के अलग होने के विरोध में बीजेपी आज 'विश्वासघात दिवस' मना रही है और उसने बिहार बंद का ऐलान किया है। प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कई जगह जेडीयू के पोस्टर फाड़ दिए, जिसके बाद जेडीयू के कार्यकर्ता भी सड़कों पर आ गए और दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई। बीजेपी का दावा है कि वह शांतिपूर्ण बंद कर रही है और जेडीयू को हद से बाहर नहीं जाना चाहिए, वहीं जेडीयू ने कहा कि बीजेपी का मकसद हिंसा फैलाना था।
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे कि जेडीयू के कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंचकर लाठियां बरसाईं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को ही अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दे दिया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के बिहार बंद और विश्वासघात दिवस से संबंधित प्रश्न पर कहा कि रविवार को वे लोग सत्ता से हटे हैं। ऐसे में यह बंद उनकी खीज है, धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
बंद के दौरान पटना में धरने पर बैठे बीजेपी के रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी और सुशील कुमार मोदी सहित वरिष्ठ पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडे, पार्टी महासचिव राजीव प्रताप रूडी और सांसद राधामोहन सिंह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पटना के व्यस्ततम डाक बंगला चौराहे पर धरने पर बैठे थे। बाद में वहां पार्टी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर, सुशील कुमार मोदी, सैयद शहनवाज हुसैन, रविशंकर प्रसाद, नंद किशोर यादव, अरुण सिन्हा और स्थानीय विधायक भी पहुंच गए। पुलिस ने बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इन लोगों को बसों में बिठाकर गर्दनी बाग और पाटलीपुत्र इलाकों में स्थित शिविरों में ले जाया गया।
'विश्वासघात दिवस' को सफल बनाने के लिए बीजेपी के कई राष्ट्रीय स्तर के नेता पटना पहुंचे और उन्होंने कहा कि बिहार की जनता उनके साथ है और आने वाले चुनावों में वह नीतीश को सबक सिखाएगी। बंद के दौरान कई जगह बीजेपी कार्यकर्ता प्रशासन और पुलिस के लोगों के साथ भी भिड़ते नजर आए। इन कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर टायरों में आग लगाकर रास्ते जाम कर दिए।
बीजेपी द्वारा आहूत एक दिवसीय बिहार बंद का सुबह से ही प्रभाव दिखने लगा। राज्य के विभिन्न इलाकों में बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं और बंद को सफल बनाने में लगे हैं। जहानाबाद जिले में बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 83 और 110 को अवरुद्ध कर दिया, जबकि भागलपुर के कहलगांव में सभी चौक-चौराहों को जाम कर दिया गया।
सीवान-छपरा और सीवान-गोपालगंज मार्ग को अवरुद्ध कर बीजपी कार्यकर्ता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। बंद के कारण आवागमन प्रभावित हो गया है।
बीजेपी द्वारा रेल परिवहन को बंद से मुक्त रखने के बावजूद नालंदा के बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन पर बंद समर्थक हंगामा करते नजर आए तथा वहां रेलमार्ग अवरुद्ध कर दिया जबकि पटना में सुबह से ही बंद का व्यापक प्रभाव देखा गया। मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सासाराम, मुंगेर में भी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
एनडीए से नीतीश कुमार के अलग होने के विरोध में बीजेपी आज 'विश्वासघात दिवस' मना रही है और उसने बिहार बंद का ऐलान किया है। प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कई जगह जेडीयू के पोस्टर फाड़ दिए, जिसके बाद जेडीयू के कार्यकर्ता भी सड़कों पर आ गए और दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई। बीजेपी का दावा है कि वह शांतिपूर्ण बंद कर रही है और जेडीयू को हद से बाहर नहीं जाना चाहिए, वहीं जेडीयू ने कहा कि बीजेपी का मकसद हिंसा फैलाना था।
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे कि जेडीयू के कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंचकर लाठियां बरसाईं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को ही अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दे दिया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के बिहार बंद और विश्वासघात दिवस से संबंधित प्रश्न पर कहा कि रविवार को वे लोग सत्ता से हटे हैं। ऐसे में यह बंद उनकी खीज है, धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
बंद के दौरान पटना में धरने पर बैठे बीजेपी के रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी और सुशील कुमार मोदी सहित वरिष्ठ पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडे, पार्टी महासचिव राजीव प्रताप रूडी और सांसद राधामोहन सिंह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पटना के व्यस्ततम डाक बंगला चौराहे पर धरने पर बैठे थे। बाद में वहां पार्टी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर, सुशील कुमार मोदी, सैयद शहनवाज हुसैन, रविशंकर प्रसाद, नंद किशोर यादव, अरुण सिन्हा और स्थानीय विधायक भी पहुंच गए। पुलिस ने बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इन लोगों को बसों में बिठाकर गर्दनी बाग और पाटलीपुत्र इलाकों में स्थित शिविरों में ले जाया गया।
'विश्वासघात दिवस' को सफल बनाने के लिए बीजेपी के कई राष्ट्रीय स्तर के नेता पटना पहुंचे और उन्होंने कहा कि बिहार की जनता उनके साथ है और आने वाले चुनावों में वह नीतीश को सबक सिखाएगी। बंद के दौरान कई जगह बीजेपी कार्यकर्ता प्रशासन और पुलिस के लोगों के साथ भी भिड़ते नजर आए। इन कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर टायरों में आग लगाकर रास्ते जाम कर दिए।
बीजेपी द्वारा आहूत एक दिवसीय बिहार बंद का सुबह से ही प्रभाव दिखने लगा। राज्य के विभिन्न इलाकों में बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं और बंद को सफल बनाने में लगे हैं। जहानाबाद जिले में बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 83 और 110 को अवरुद्ध कर दिया, जबकि भागलपुर के कहलगांव में सभी चौक-चौराहों को जाम कर दिया गया।
सीवान-छपरा और सीवान-गोपालगंज मार्ग को अवरुद्ध कर बीजपी कार्यकर्ता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। बंद के कारण आवागमन प्रभावित हो गया है।
बीजेपी द्वारा रेल परिवहन को बंद से मुक्त रखने के बावजूद नालंदा के बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन पर बंद समर्थक हंगामा करते नजर आए तथा वहां रेलमार्ग अवरुद्ध कर दिया जबकि पटना में सुबह से ही बंद का व्यापक प्रभाव देखा गया। मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सासाराम, मुंगेर में भी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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