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खास बातें
- विकलांग की दुकान में तोड़फोड़
- शिकायत के साथ सीसीटीवी फुटेज दी
- पुलिसवालों पर दुकानदार का आरोप
नई दिल्ली: नागरिकता कानून (Citizenship Act) के खिलाफ सीलमपुर में मंगलवार को भड़की हिंसा के दौरान एक विकलांग दुकानदार की दुकान भी तोड़ दी गई. दुकानदार अनीस मलिक ने शिकायत की है कि पुलिस ने उसकी दुकान में तोड़फोड़ की. अनीस मलिक का कहना है कि पुलिस ने उसे दुकान बंद कर जाने को कहा. वह शटर गिराकर निकल गया. भीतर दो कामगार थे, लेकिन इसके बाद पुलिस घुसी, उसने तोड़फोड़ की और दोनों की पिटाई भी की. अनीस मलिक ने यह शिकायत सीसीटीवी फुटेज के साथ दर्ज कराई है.
अनीस मलिक ने NDTV को बताया कि '2 बजे तक मैं खुद दुकान में मौजूद था और प्रदर्शन भी शांतिपूर्ण चल रह था. इसके बाद अचानक भगदड़ मच गई. इसके बाद पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया. मौके पर पुलिस ही पुलिस थी. इसके बाद पुलिसवालों ने कहा कि आप हैंडीकैप्ड हैं, खुद से चल फिर नहीं सकते हो, इसलिए आप दुकान बंद करके घर चले जाओ, क्योंकि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसके बाद मैं शटर गिराकर घर चला गया. फिर मेरे पास चार बजे कॉल आई कि पुलिस वाले ने मेरी दुकान तोड़ दी है फिर मेरे पास वीडियो भेजा, जिसमें पुलिस वाले दुकान तोड़ते नजर आ रहे हैं. उन्होंने मेरा कम्प्यूटर, डेस्कटॉप, प्रिंटर सबकुछ तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि मैंने शाम को 112 नंबर पर कॉल किया और अपनी शिकायत दर्ज कराई.
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पुलिस की सोशल मीडिया पर नजर
दिल्ली के जामिया और सीलमपुर इलाक़ों में हिंसा के बाद पुलिस की सोशल मीडिया पर पैनी नज़र है. पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफ़वाह फैलाने को लेकर चेतावनी दी है. साथ ही पुलिस उपद्रवियों की पहचान के लिए सभी तरह के फुटेज खंगाल रही है, जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर घूम रही हैं पुलिस उनकी भी जांच कर रही है.
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कुल छह लोग किए गए हैं गिरफ्तार
पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद में हुई हिंसा के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है. कुल छह लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं. हिंसा में शामिल और लोगों की तलाश के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है. सीलमपुर और जाफराबाद के अलावा बृजपुरी थाने में भी एक एफ़आईआर दर्ज की गई है. एफ़आईआर के मुताबिक़ प्रदर्शन में आपराधिक किस्म के लोग भी थे, जिन्होंने हिंसा भड़काई.
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अचानक भड़की थी हिंसा
बता दें कि मंगलवार दोपहर सीलमपुर और जाफराबाद में नागरिकता संशोधन क़ानून और जामिया में हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अचानक हिंसा भड़क गई थी. प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों में आगज़नी और तोड़-फोड़ की. बच्चों से भरी स्कूली बस पर भी पथराव किए गए. प्रदर्शनकारियों ने दो पुलिस चौकियों को भी आग के हवाले कर दिया. पथराव के जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोले दागे.
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