यह ख़बर 20 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

चीन के प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के साथ आपसी विश्वास बढ़ाएंगे

खास बातें

  • चीन के प्रधानमंत्री ली कुचियांग ने भारत को अहम पड़ोसी बताते हुए कहा कि दुनिया की खुशहाली तभी मुमकिन है, जब भारत और चीन का विकास हो। ली ने कहा कि दोनों देशों में दुनिया की एक-तिहाई आबादी बसती है, जो बहुत बड़ी ताकत है।
नई दिल्ली:

भारत दौरे पर पहुंचे चीन के प्रधानमंत्री ली कुचियांग ने भारत को अपना अहम पड़ोसी बताते हुए कहा कि दुनिया की खुशहाली तभी मुमकिन है, जब भारत और चीन का विकास हो। इस मौके पर ली ने भारत और चीन की साझा ताकत का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों में दुनिया की एक-तिहाई आबादी बसती है, जो इसकी बहुत बड़ी ताकत है। ली ने राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद कहा, ...  दुनिया में समृद्धि का विकास भी चीन और भारत के सहयोग तथा समानांतर विकास के बिना नहीं हो सकता।

चीनी राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी थे। ली ने कहा कि उनके और सिंह के बीच कल बातचीत का बहुत ही सार्थक सत्र हुआ और उन्हें उम्मीद है कि आगे की बातचीत से बेहतरीन परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा, मेरी भारत यात्रा के तीन उद्देश्य - परस्पर विश्वास को बढ़ावा देना, सहयोग तेज करना और भविष्य का सामना करना है। ली के अनुसार, उन्हें उम्मीद है कि दोनों पक्ष परस्पर रणनीतिक विश्वास को आगे बढ़ाएंगे।

इससे पहले रविवार को जब चीन और भारत के प्रधानमंत्री की मुलाकात हुई, तो दोनों देशों के बीच का सीमा विवाद ही बैठक में हावी रहा। सूत्रों के मुताबिक़ मनमोहन सिंह ने चीनी प्रधानमंत्री से साफ शब्दों में कहा कि सीमा पर शांति के बिना आपसी रिश्ते मजबूत नहीं होंगे। बातचीत में भारत की तरफ से ब्रह्मपुत्र नदी के पानी का मसला भी उठाया गया। चीन ने तिब्बत का मसला उठाया, तो भारत ने साफ कर दिया कि दलाई लामा आध्यात्मिक नेता हैं और तिब्बतियों को भारत में रहकर राजनीति करने की अनुमति नहीं है।

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(इनपुट भाषा से भी)