पेंटागन ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने दावे को लेकर दवाब बनाने के लिए "लगातार रणनीतिक कार्रवाई" कर रहा है और उसने भारत को अमेरिका के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने से रोकने की असफल कोशिश की है. रक्षा विभाग ने बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस को बताया, "पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) नहीं चाहता कि सीमा विवाद के चलते भारत और अमेरिका और निकट आएं. पीआरसी अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी है."
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पेंटागन ने कहा कि मई 2020 की शुरुआत में, चीनी सेना ने सीमा पार से भारतीय नियंत्रित क्षेत्र में घुसपैठ शुरू की और एलएसी पर गतिरोध वाले कई स्थानों पर सैनिकों को तैनात किया. जून 2021 तक, चीन और भारत ने एलएसी पर बड़े पैमाने पर तैनाती जारी रखी थी. इसके अलावा, तिब्बत और शिनजियांग सैन्य जिलों से एक पर्याप्त रिजर्व बल पश्चिमी चीन के अंदरुनी हिस्सों में तैनात किया गया था ताकि त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहा जा सके. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी. 1975 के बाद एलएसी पर जान जाने का यह पहला मामला था.
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पेंटागन ने कहा कि फरवरी 2021 में, चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने चार पीएलए सैनिकों के लिए मरणोपरांत पुरस्कार की घोषणा की, हालांकि चीनी हताहतों की कुल संख्या अभी भी नहीं पता चल पाई है. पेंटागन ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रही राजनयिक और सैन्य वार्ता के बावजूद, चीन ने एलएसी पर अपने दावों को लेकर दबाव बनाने के लिए "रणनीतिक कार्रवाईयों को बढ़ाना" जारी रखा है.
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