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This Article is From May 30, 2018

वोटिंग मशीन हटाने के पक्ष में नहीं मुख्य चुनाव आयुक्त, बोले- निर्णय लेने के लिए राजनीतिक दल स्वतंत्र

वोटिंग मशीन को खारिज कर बैलेट पेपर्स से चुनाव कराने की अखिलेश यादव की मांग पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने एनडीटीवी से कहा कि यह कतई सही नहीं है कि हम फिर से पेपर बैलेट पेपर से चुनाव कराएं.

वोटिंग मशीन हटाने के पक्ष में नहीं मुख्य चुनाव आयुक्त, बोले- निर्णय लेने के लिए राजनीतिक दल स्वतंत्र
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: वोटिंग मशीन को खारिज कर बैलेट पेपर्स से चुनाव कराने की अखिलेश यादव की मांग पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने एनडीटीवी से कहा कि यह कतई सही नहीं है कि हम फिर से पेपर बैलेट पेपर से चुनाव कराएं. हालांकि, उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल इस बात के लिए स्वतंत्र हैं कि वह किससे चुनाव कराना चाहते हैं. रावत ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि कमीशन और मतदान कर्मचारी वीवीपीएटी, या मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनों के घटनाओं को कम करने में सक्षम होंगे और 2019 में बेहतर प्रशिक्षण की वजह से खराब प्रदर्शऩ को भी कम कर सकते हैं. 

बता दें कि आयोग के अधिकारियों ने सीधे सूर्य की रोशनी और अत्यधिक गर्मी को ईवीएम में खराबी के लिए दोषी ठहराया था. इस पर चुनाव आयोग के प्रमुख ने अपना मत स्पष्ट किया. जब आयोगी का बयान सामने आया, तो सोशल मीडिया पर इस बयान की खूब खिल्ली उड़ी. आयोग ने कहा था कि मशीनों में खराबी की वजह भीषण गर्मी भी हो सकती है. 

वीवीपैट में खराबी चिंता का विषय नहीं : मुख्य चुनाव आयुक्त

उपुचुनाव में ईवीएम में खराबी की खबरें आने के बाद अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से मशीन को हटाने और बैलेट पेपर से 2019 में चुनाव कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि वीवीपीएटी मशीन केवल उन मतदान केंद्रों में खराब हुआ, जो कि उनकी पार्टी का गढ़ था और अगर चुनाव आयोग की दलीत की मानें तो क्या निर्वाचन क्षेत्र के अन्य हिस्सों में क्या ठंड थी?

ओपी रावत ने एऩडीटीवी से बातचीत में समझाया कि वीवीपीएटी मशीन प्रकाश के प्रति काफी संवेदनशील है, क्योंकि इसमें विपरीत सेंसर होते हैं. इसलिए अगर इन मशीनों को सीधे प्रकाश, सूरज की रोशनी या यहां तक कि एक ट्यूब-लाइट के नीचे रखा जाता है, तो वे खराब हो जाते हैं. इसके अलावा, अत्यधिक गर्मी होती है, तो पेपर रोल परेशानी दे रहा है, पेपर रोल परेशानी खड़ी करने लगता है. आगे उन्होंने कहा कि मगर गर्मी और सीधे प्रकाश समस्या का एक साइड है. दूसरा साइड पोलिंग स्टाफ की ट्रेनिंग है. 

EVM से वोटिंग होने से लोकतंत्र खतरे में, बैलेट पेपर्स से हो चुनाव: अखिलेश यादव

उन्होंने कहा कि अगर पोलिंग स्टाफ प्रशिक्षण के थोड़े महत्वपूर्ण घटक को फोन कॉल या कुछ और की वजह से मिस कर जाते हैं, तो इससे गड़बड़ी पैदा हो जाती है. जब वह पोलिंग स्टेशऩ जाते हैं, तो वह वीवीपीएटी को सही तरीके से स्थापित नहीं कर पाते हैं और न ही सही क्रम को फॉलो कर पाते हैं. 

मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा कि वीवीपैट में खराबी चिंता की बात नहीं है. स्टाफ को ट्रेनिंग में कमी और नई वीवीपैट और लाइट सेंसटिविटी का ध्यान न रखने से ये समस्या हुई. रावत ने कहा कि पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनावों में 36 प्रतिशत वीवीपैट बदले गए थे जबकि कैराना में सिर्फ 21 प्रतिशत वीवीपैट बदले गए.

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