New Delhi:
सरकार के शांति प्रयासों की तरफ कदम बढ़ाते हुए उल्फा के शीर्ष नेताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात की और उन्हें अपना मांगपत्र सौंपा, जिससे कि असम की तीन दशक पुराने उग्रवाद की समस्या का अंतिम समाधान निकल सके। 40 मिनट तक चली इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई भी शामिल थे। उल्फा अध्यक्ष अरविन्द राजखोवा के नेतृत्व वाली सात सदस्यीय टीम ने अपनी मांगें सौंपी जिनकी विषय वस्तु की तत्काल जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि सूत्रों कहा कि उल्फा संप्रभु राज्य की अपनी मांग पहले ही छोड़ चुका है और उसके द्वारा अधिक स्वायत्तता असम को विशेष दर्जा दिए जाने और संविधान के तहत लोगों के लिए अन्य सुरक्षा उपायों पर जोर दिए जाने की संभावना है। गोगोई ने आज की बैठक को असम में शांति लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया और कहा कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारें समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के प्रति गंभीर हैं। उन्होंने कहा, जरूरत की स्थिति में हमें कानून में बदलाव करना पड़ सकता है लेकिन हम संविधान के तहत शांतिपूर्ण समाधान निकालेंगे। सूत्रों ने बताया कि बैठक से शांति प्रक्रिया को नई गति मिलेगी क्योंकि मांगपत्र उल्फा के साथ वार्ता का आधार होगा। उल्फा के 32 साल के इतिहास में सरकार के साथ यह उसकी पहली औपचारिक शांति वार्ता है। अब तक उल्फा और केंद्र के वार्ताकार पीसी हल्दर के बीच गुवाहाटी में सिर्फ प्रारंभिक बातचीत ही होती रही है।
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